आगरा: आगरा के धर्मांतरण गिरोह में फंसी सदर क्षेत्र की सगी बहनों को आयशा की तरह बनाने की तैयारी थी। उन्हें गिरोह के सदस्य अपने धर्म से जुड़े वीडियो भेजते थे। कोलकाता में दोनों बहनें इन्हीं वीडियो को पूरे दिन देखा करती थीं। उनके दिमाग पर इसका गहरा असर पड़ रहा था। तभी पुलिस के सामने वो पकड़े गए अन्य लोगों को छोड़ने की शर्त रख रही थीं। पुलिस की पूछताछ के बाद यह सच सामने आया।सदर क्षेत्र की पंजाबी परिवार की बड़ी बेटी एमफिल किए है। वहीं छोटी बहन पढ़ाई कर रही है। दोनों धर्मांतरण गिरोह के जाल में फंस गई थीं। उन्हें तीन महीने बाद पुलिस ने कोलकाता से खोज निकाला। शनिवार से ही उनसे पूछताछ की जा रही है। अलग-अलग टीमों को लगाया गया है।पहले वो शर्त रख रही थीं कि पकड़े गए 10 लोगों को छोड़ जाए। तभी वो घर जाएंगी। उनका कोई कसूर नहीं है। पुलिस ने उन्हें समझाया कि वह धर्मांतरण करा रहे थे। युवतियों को गिरोह ने फंसा रखा था।
इसके बावजूद वह मानने को तैयार नहीं थीं। बाद में उनकी मुलाकात परिजन से कराई गई। उन्हें गिरोह के बारे में भी जानकारी दी। तब वो बोलने के लिए तैयार हुईं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दोनों घर से निकलने के बाद दिल्ली पहुंची थीं। जहां वो धर्म परिवर्तन कराने के लिए एक कार्यालय में गईं। मगर कार्यालय में मना कर दिया गया।बाद में वो धर्मस्थल पहुंची, जहां से दोनों को मदरसे में भेजा गया। यहां पर जोया नाम की युवती मिली। वह उनकी मदद कर रही थी। अपने धर्म के बारे में बता रही थी। उसने उन्हें 3 दिन तक रखवाया। इस दाैरान 10 हजार रुपये की मदद भी की।
इसके बाद वो बिहार होते हुए पश्चिम बंगाल गईं। उनकी मुलाकात रीत बनिक से हुई। उसने उन्हें कमरा दिया। दोनों को खाने-पीने का इंतजाम कराया। कमरा मुस्लिम बस्ती में ही था। दोनों बहनें अपने साथ कुछ रुपये और गहने लेकर गई थीं। इससे वह अपना खर्च भी कर रही थीं।पुलिस की पूछताछ में पता चला कि दोनों पूरे दिन कोई काम नहीं करती थी। पांच वक्त की नमाज अदा करती थीं। इसके बाद दोनों पूरे दिन धर्म परिवर्तन से जुड़े वीडियो देखा करती थीं। इसमें जाकिर नाइक के वीडियो भी शामिल थे। इसके बाद खुद भी इस बारे में लिखने की सोच रही थीं।पहले आयशा भी पढ़ने के दाैरान दिल्ली में कश्मीरी युवती के संपर्क में आई थी। इसके बाद धर्मांतरण गिरोह से जुड़ गई। अब वो धर्म परिवर्तन के लिए युवतियों को तैयार करवाती थी। वह अब्दुल रहमान के संपर्क में थी। दोनों सगी बहनें भी जिस तरह से वीडियो और साहित्य पढ़ रही थीं, उससे पुलिस को यही लग रहा है कि वह भी आयशा की तरह काम करना चाहती थीं। वह विदेश में मुस्लिम युवतियों के मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ने तक की बातें करने लगी थीं।