विजयीपुर, फतेहपुर। विजयीपुर कस्बा स्थित मां शीतला धाम शक्ति पीठ मंदिर परिसर में चल रही श्रीमदभागवत कथा के पांचवे दिन सोमवार को कथा व्यास ऋषिराज त्रिपाठी जी महाराज ने महारास, गोवर्धन पूजा के साथ साथ भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया। कथावाचक ने कहा कि गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण से उन्हें पति रूप में पाने की इच्छा प्रकट की भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों की इस कामना को पूरी करने का वचन दिया अपने वचन को पूरा करने के लिए भगवान ने महारास का आयोजन किया इसके लिए शरद पूर्णिमा की रात को यमुना तट पर गोपियों को मिलने के लिए कहा सभी गोपियां सज-धजकर नियत समय पर यमुना तट पर पहुंच गईं कृष्ण की बांसुरी की धुन सुनकर सभी गोपियां अपनी सुध-बुध खोकर कृष्ण के पास पहुंच गई। तथा कथावाचक ऋषि राज त्रिपाठी जी महाराज ने गोवर्धन पूजा का वर्णन किया तथा भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का प्रसंग सुनाया। कथावाचक ने कहा इंद्र को अपनी सत्ता और शक्ति पर घमंड हो गया था उसका गर्व दूर करने के लिए भगवान ने ब्रज मंडल में इंद्र की पूजा बंद कर गोवर्धन की पूजा शुरू करा दी। इससे गुस्साए इंद्र ने ब्रजमंडल पर भारी बरसात कराई प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान ने कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया सात दिनों के बाद इंद्र को अपनी भूल का एहसास हुआ कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं की झांकी सजाई गई। कथा पंडाल में उपस्थित महिलाएं अपने आपको थिरकने से नहीं रोक पाई और प्रभु भक्ति में जमकर झूमी। इस बीच कथावाचक ऋषि राज त्रिपाठी जी महराज, यजमान उमेश सिंह तोमर, रुद्रपाल सिंह,, सतेन्द्र सिंह, बचोल द्विवेदी, रोहित सिंह, जनार्दन दीक्षित, सन्त जी, रोहित गोस्वामी, नीटू सिंह, मानवेन्द्र सिंह सहित एक सैकड़ों भक्त पंडाल में मौजूद रहे।
