फतेहपुर जिले की खागा तहसील में संगोलीपुर मडैयन मोरम खदान शुरू होते ही विवादों में घिर गई है। खदान संचालक पर बिना मुआवजा दिए किसानों की भूमिधरी जमीन से मोरम भरे ओवरलोड वाहन निकालने का आरोप है। शुक्रवार सुबह किसानों ने सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया।
किसानों का आरोप है कि खदान संचालक उनकी खड़ी फसलों के बीच से जबरन वाहन निकाल रहे हैं, जिससे फसलें बर्बाद हो रही हैं। बालू से भरे ओवरलोड वाहनों से उड़ने वाली धूल भी फसलों को नुकसान पहुंचा रही है। किसानों ने बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे की मांग की है।
भारतीय किसान यूनियन के जिला महासचिव जितेंद्र त्रिपाठी और समाजसेवी विनीत गर्ग के नेतृत्व में किसान नरौली मोड़ के समीप धरने पर बैठे। उन्होंने अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग की और जमकर हंगामा किया।
किसान उदित नारायण, ज्ञानदत्त मिश्रा, जसवंत, सुनील गौतम, रामसनेही, रामप्रतीत शंकर और देवकरन ने बताया कि खदान संचालक मनमानी कर रहे हैं। ज्ञानदत्त मिश्रा ने पुलिस को लिखित तहरीर भी दी है।
किसानों के हंगामे के बाद खदान संचालक मौके पर पहुंचे और उनकी समस्याएं सुनीं। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि बर्बाद फसलों का मुआवजा नहीं मिला तो धरना जारी रहेगा और न्याय न मिलने पर उच्चाधिकारियों के आवास का घेराव भी किया जाएगा।
इस संबंध में भारतीय किसान यूनियन महात्मा टिकैत के जिला महासचिव जितेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि मोरम खदान संचालक ने समस्या के निस्तारण के लिए दो दिन का समय मांगा है, जिसके बाद प्रदर्शन को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यदि किसानों की मांगें नहीं मानी गईं, तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा और उच्च अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत कराया जाएगा।
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