देश की राजधानी दिल्ली से एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसकी सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है। वीडियो में पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज (वार्ड नंबर- 197) से बीजेपी पार्षद रेनू चौधरी एक सार्वजनिक पार्क में एक विदेशी फुटबॉल कोच को सरेआम धमकाती और उन पर चिल्लाती नजर आ रही हैं। विवाद की वजह यह है कि भारत में रहने के बावजूद उस विदेशी नागरिक ने अब तक हिंदी भाषा नहीं सीखी। पार्षद ने कोच को अल्टीमेटम देते हुए यहां तक कह दिया कि अगर एक महीने में हिंदी नहीं सीखी, तो उनसे पार्क छीन लिया जाएगा।
वायरल वीडियो में रेनू चौधरी स्थानीय लोगों और बच्चों को ट्रेनिंग दे रहे अफ्रीकी कोच के सामने बेहद आक्रामक लहजे में बात कर रही हैं। वे चिल्लाते हुए कह रही हैं, ‘तुम मेरी बात के लिए सीरियस हो ही नहीं, सुनकर भी राजी नहीं हो। क्यों नहीं सीखी हिंदी?’ उन्होंने आसपास खड़े लोगों से कहा कि अगर यह शख्स अगले एक महीने में हिंदी नहीं सीखता है, तो इसे पार्क में घुसने न दिया जाए। पार्षद ने बेहद कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा, ‘यहां का पैसा खा रहे हो, तो मुंह से हिंदी बोलना भी सीखो।’
क्रिमिनल एक्टिविटी’ की भी दी चेतावनी: विवाद सिर्फ भाषा तक ही सीमित नहीं रहा। वीडियो के दूसरे हिस्से में पार्षद किसी को उंगली दिखाकर चेतावनी देती नजर आ रही हैं कि पार्क हर हाल में रात 8 बजे तक बंद हो जाना चाहिए। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि अगर पार्क में कोई भी ‘क्रिमिनल एक्टिविटी’ होती है, तो इसके जिम्मेदार वहां मौजूद लोग ही होंगे। बताया जा रहा है कि पार्षद ने करीब 8 महीने पहले भी इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन स्थानीय निवासियों के कहने पर तब उन्होंने कोच को ट्रेनिंग जारी रखने की इजाजत दी थी।
सोशल मीडिया पर लोगों ने जताई नाराजगी: वीडियो के वायरल होते ही लोगों ने बीजेपी पार्षद के इस व्यवहार की कड़ी आलोचना की है। सोशल मीडिया यूजर्स इसे ‘बेहद शर्मनाक हरकत’ और ‘गुंडागर्दी’ करार दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि ‘ऐसी हरकतें करके वह गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी बोलने वालों के साथ होने वाले गलत व्यवहार को खुद जायज ठहरा रही हैं।’ लोगों का कहना है कि एक जन प्रतिनिधि बनने की होड़ में उन्होंने नैतिकता और देश के संविधान को ताक पर रख दिया है। वहीं, कुछ यूजर्स ने इसे नस्लभेदी मानसिकता का उदाहरण बताते हुए शर्मनाक बताया है।
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