भइया मेरे राखी के बंधन को न भुलाना….

– जिले भर में धूमधाम से मनाया गया रक्षाबंधन पर्व
– रात तक चला बहनों का भाइयों के घर जाने का सिलसिला
– भाई दक्ष्य को राखी बांधती बहन अपूर्वा।
फतेहपुर। भाई-बहन के पवित्र प्यार का त्योहार रक्षाबंधन उत्साह के साथ पूरे जिले में मनाया गया। बहनों ने मुहूर्त के अनुसार भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधे और उनके दीर्घायु होने की कामना की। वहीं भाईयों ने भी बहनों को उपहार देकर उनकी रक्षा का वचन दिया। जिला कारागार में बंद बंदियों की बहनें भी पहुंच कर अपने अपने भाइयों को रक्षासूत्र बांधा। रक्षाबंधन का पर्व प्रतिवर्ष श्रावण पूर्णिमा को हर्षाेल्लास के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार को मनाने की परम्परा प्राचीन काल से चली आ रही है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जहां इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने अपने पति की आयु बढ़ाने के लिए उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा था। त्योहार को लेकर बहनों ने पहले से ही तैयारी कर लीं थीं। शुक्रवार को पूरे दिन बहनों ने मेंहदी लगवाई और शनिवार को नए वस्त्र धारण कर व सज धजकर भाइयों को राखी बांधी। जो बहनें इस त्योहार पर घर नहीं आ सकी। उनके द्वारा भाईयों के लिए जो रक्षासूत्र भेजे गए थे, उन्हें या तो किसी ब्राह्मण ने या परिवार की अन्य किसी कन्या ने बांधा। रक्षाबंधन के त्योहार का सबसे अधिक लुत्फ बच्चों के द्वारा उठाया गया। बच्चों में सुबह से ही राखी बंधवाने की ललक रही। जब बहनों द्वारा अपने छोटे भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर व मिठाई खिलाकर राखी बांधी गई तो वे खुशी से झूम उठे।

नीरा बहनों ने भी मनाया पर्व
शहर के ज्वालागंज स्थित ईश्वरीय महाविद्यालय की नीरा बहनों ने भी रक्षाबंधन पर्व मनाया। ब्रहमकुमारी नीरा बहन ने सभी भाई बहनों को ईश्वरीय राखी बांधी और बुराइयों को त्याग करने का वचन लिया। इस दौरान बहनों को परम्परा के अनुसार उन्हें वचन भी दिया गया। ब्रहम्कुमारी नीरा बहन ने रक्षाबंधन पर्व के महत्व को विस्तार जानकारी दी। बताया कि रक्षाबंधन सभी पर्वाे में एक अनोखा पर्व है।

खूब बिकी मिठाइयां
रक्षाबंधन के त्योहार पर राखी बांधने के बाद भाईयों का मुंह मीठा कराने की भी परम्परा है। जहां शुक्रवार की देर रात से लेकर दूसरे दिन शनिवार की तक मिठाईयों की दुकानों पर खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ रही। वहीं रक्षाबंधन के त्योहार पर सुबह से ही मिठाई की दुकानें सज गई थी। मिठाई विक्रेताओं ने डायबिटीज के रोगियों के लिए शुगर फ्री मिठाईयां भी बनाई थी, इनकी भी खूब बिक्री हुई। हालाकि रक्षाबंधन को देखते हुए कई दिन से मिठाई बनाने का काम चल रहा था लेकिन कई दुकानदार ऐसे भी रहे कि शाम होते होते मिठाई खत्म हो गई।

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