कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपते समिति के पदाधिकारी।
फतेहपुर। बरमतपुर में हुए प्रशासनिक अत्याचार को लेकर जनाक्रोश बढ़ता जा रहा है। बुधवार को युवा विकास समिति के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें तहसील के आधिकारी द्वारा की गई कार्रवाई को न केवल पक्षपातपूर्ण बताया गया, बल्कि इसे एक दलित, दिव्यांग और अत्यंत गरीब परिवार के प्रति अन्याय की संज्ञा दी गई है। जिसमें तहसील प्रशासन की मनमानी व पूर्वाग्रह से ग्रसित रवैये पर सवाल उठाए गए हैं। युवा विकास समिति का कहना है कि गरीबों के अधिकारों का इस प्रकार हनन करना न केवल प्रशासनिक विफलता है बल्कि मानवीय संवेदनाओं का भी अपमान है।
समिति के अध्यक्ष ज्ञानेंद्र मिश्रा ने कहा कि पूरे मामले की न्यायिक जांच कराई जाए और दोषी आधिकारियो पर एफआईआर दर्ज की जाए। साथ ही सदर तहसील में लंबे समय से तहसीलदार का पद खाली है। एक ही अधिकारी जो कि नायब तहसीलदार सदर हैं वही तहसीलदार की भी चार्ज देख रहे है एक अधिकारी दो जिम्मेदारी कैसे उठा सकता है जनहित पर जल्द तहसीलदार पद पर नियुक्त की जाए। वर्षों से एक ही स्थान पर जमे हुए कर्मचारियों की भूमिका संदेहास्पद बनती जा रही है। युवा विकास समिति ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने इस प्रकरण को गंभीरता से नहीं लिया और दोषियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई नहीं की गई तो समिति जनांदोलन करने के लिए बाध्य होगी। इस मौके पर जिलाध्यक्ष कंचन मिश्रा, ऋषि बाजपेई, श्याम तिवारी, दीप कुमार, अभिषेक, आफताब, आचार्य सरस्वती महाराज आदि लोग रहे।
