फतेहपुर जिले की खागा तहसील के विजयीपुर क्षेत्र में आधे से अधिक साधन सहकारी समितियां बंद पड़ी हैं। इसके कारण किसानों को खाद के लिए भटकना पड़ रहा है, जिससे गेहूं की बुवाई प्रभावित हो रही है। किसान एक बोरी खाद के लिए दिन भर कतार में खड़े रहने और निजी दुकानों से महंगे दामों पर डीएपी खाद खरीदने को मजबूर हैं।क्षेत्रीय किसान अपनी समितियों को छोड़कर मीलों दूर दूसरे क्षेत्रों में खाद लेने जा रहे हैं। दिनभर लाइन में लगने के बाद भी उन्हें पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल पा रही है। इस स्थिति से गेहूं की बुवाई में संकट गहरा गया है, क्योंकि समय पर खाद न मिलने से फसल की पैदावार पर असर पड़ सकता है।अतर सिंह, रामु, वीरेंद्र त्रिपाठी, उत्तम सिंह अंजने, पिंटू तिवारी, सरौली और विनीत गर्ग जैसे किसानों ने बताया कि उनके क्षेत्र की समितियों में ताला लगा हुआ है। उन्हें खाद के लिए लगभग 20 किलोमीटर दूर दूसरे क्षेत्रों में जाना पड़ता है, जिससे समय की बर्बादी होती है और पर्याप्त खाद भी नहीं मिल पाती।किसानों का कहना है कि यदि सभी समितियां चालू हो जाएं तो उनकी समस्या समाप्त हो जाएगी। समितियों के बंद होने का मुख्य कारण उनकी डिफाल्टर स्थिति बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, इन समितियों में बड़े घोटाले हुए हैं, जिसके चलते ये खुल नहीं पा रही हैं। सरकारी भवन भी पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं।नए अध्यक्ष बनने के बावजूद समितियों में ताला नहीं खुल पा रहा है। विजयीपुर क्षेत्र में एकडला, झुरहापुर, अंजना भैरो, कुरा, असदुल्ला नगर, सिठियानी और खखरेरू सहित कई साधन सहकारी समितियां बंद पड़ी हैं। इस मामले पर एडीओ कोऑपरेटिव शरद विक्रम ने बताया कि समितियां डिफाल्टर होने के कारण बंद चल रही हैं और उन्हें फिर से खुलवाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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