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दमिश्क पर इजराइली कहर: रक्षा मंत्रालय और सेना मुख्यालय पर ड्रोन हमला, ड्रूज विवाद के बाद बढ़ा तनाव

इजराइल: सीरिया के रक्षा मंत्रालय और सेना मुख्यालय पर हमला कर दिया है. यह हमला ड्रोन और बम के जरिए किया गया है. इजराइल के इस हमले की वजह से राजधानी दमिश्क में धुएं का गुब्बार देखा जा रहा है. इजराइल ने हमले की पुष्टि की है और कहा है कि अभी सांकेतिक तौर पर 2 ड्रोन दागे गए हैं. टॉइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक आईडीएफ ने ड्रूज पर हो रहे हमले का बदला लिया है. आईडीएफ के जवानों ने सीधे राजधानी दमिश्क में सेना के मुख्यालय और रक्षा मंत्रालय पर अटैक कर दिया है. अटैक में दोनों बिल्डिंग के ध्वस्त होने की बात कही जा रही है.

 इजराइल और सीरिया ने समझौता किया: सीरिया की राजधानी दमिश्क में जिस तरीके से इजराइल ने ड्रोन अटैक किया है. उससे सवाल उठ रहा है कि क्या अब जंग का लोकेशन बदल गया है? मंगलवार (15 जुलाई) को ड्रूज मुद्दे को लेकर इजराइल और सीरिया ने समझौता किया था, लेकिन 24 घंटे के भीतर ही इजराइल ने अटैक कर दिया है. सीरियाई सेना के मुताबिक इजराइली ड्रोन ने दमिश्क के उमय्यद स्क्वायर के आसपास अटैक किया है. हमले की वजह से सीरिया को कितना नुकसान हुआ है, उसका आकलन अभी नहीं हुआ है. कुछ लोगों के मारे जाने की बात जरूर कही जा रही है. इजराइली मीडिया के मुताबिक जब इजराइल डिफेंस फोर्स के जवान दमिश्क पर हमला कर रहे थे. उस वक्त इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू तेल अवीव स्थित एक कोर्ट में थे. नेतन्याहू कोर्ट में कतरगेट मामले में गवाही के लिए आए थे. रिपोर्ट के मुताबिक जज को जब इस बात की खबर मिली कि दमिश्क पर हमला हो गया है, तो उन्होंने तुरंत ही कार्यवाही को स्थगित कर दी. नेतन्याहू इसके बाद वार रूम में मीटिंग करने आ गए.

तुर्की और सऊदी अरब का करीबी माना: सीरिया की नई सरकार को तुर्की और सऊदी अरब का करीबी माना जाता है. सीरिया के राष्ट्रपति अल-शरा सऊदी के क्राउन प्रिंस के करीबी हैं. हाल ही में सऊदी और तुर्की की वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अल शरा के साथ डील की बात की. अमेरिका ने अल-शरा का खुलकर सपोर्ट किया, लेकिन जिस तरीके से अब इजराइल ने सीरिया पर अटैक कर दिया है. उससे सवाल उठ रहे हैं कि आगे क्या होगा? सवाल इसलिए भी क्योंकि एक दिन पहले अमेरिका ने दोनों देशों से सीजफायर करने के लिए कहा था. इजराइल और सीरिया दोनों वर्तमान में अमेरिका का करीबी है, लेकिन दमिश्क पर इजराइली हमले ने दोनों के बीच तनातनी बढ़ा दी है. सीरिया अगर समझौता नहीं करता है तो इजराइल को एक और जंग में कूदना पड़ सकता है. इजराइल पिछले 2 सालों में यमन, ईरान, लेबनान और गाजा में जंग लड़ चुका है.

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