नई दिल्ली: दुनिया भर में वायु प्रदूषण को मापने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था IQAir की नवीनतम लाइव रैंकिंग में भारत की राजधानी दिल्ली ने एक बार फिर चिंताजनक रिकॉर्ड दर्ज किया है. बृहस्पतिवार सुबह जारी रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 506 दर्ज हुआ, जो ‘Hazardous’ श्रेणी में आता है और सीधे तौर पर लोगों की सेहत के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है. रैंकिंग में दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है. इसके साथ ही दक्षिण एशिया के कई बड़े शहर इस सूची में शीर्ष स्थानों पर हैं.
विशेषज्ञों ने इस खतरनाक स्तर को स्वास्थ्य के लिए खतरा मानते हुए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है. IQAir की विश्व लाइव रैंकिंग के मुताबिक, 20 नवंबर को इस सूची में पहले स्थान पर दिल्ली के बाद दूसरे स्थान पर उज़्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद 251 के AQI के साथ दर्ज है. तीसरे नंबर पर पाकिस्तान का लाहौर (AQI 215), चौथे पायदान पर बांग्लादेश की राजधानी ढाका 211, AQI के साथ है. भारत का कोलकाता भी 211 के AQI के साथ पांचवें स्थान पर है. ऐसे में ये स्थिति बताती है कि दक्षिण एशिया के कई बड़े शहर गंभीर वायु संकट से जूझ रहे हैं.
प्रदूषण का प्रभाव लोगों की सेहत पर
दिल्ली NCR में लगातार बढ़ते प्रदूषण का प्रभाव लोगों की सेहत पर साफ देखने को मिल रहा है. अस्पतालों में सांस संबंधी मरीजों की संख्या बढ़ रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि AQI 500 के पार लंबे समय तक रहने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों के संक्रमण व दिल संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. भारत के दो अन्य प्रमुख महानगर मुंबई (AQI 160) व कोलकाता (AQI 211) भी टॉप-10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल हैं, जो चिंताजनक है. दिल्ली की तरह ये दोनों भी मेट्रो सिटी हैं.
”सर्दियों में हवा की रफ्तार धीमी होने, पराली जलने, वाहनों का उत्सर्जन और औद्योगिक गतिविधियों के चलते प्रदूषण बढ़ता है. सर्दियां शुरू होने पर प्रदूषण जब बढ़ता है तो प्रदूषण को लेकर बात चलती है. लेकिन प्रदूषण के कारकों पर 12 महीने काम करने की जरूरत है. यह कोई सीजनल समस्या नहीं है. सरकार को प्रदूषण से निपटने के लिए एक विस्तृत एक्शन प्लान पर काम करने की जरूरत है.”- डॉक्टर जितेंद्र नागर, डीयू प्रोफेसर और पर्यावरण विद्
डॉ जितेंद्र नागर का ये भी कहना है कि प्रदूषण कि इस स्थिति को देखते हुए लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. घर से बाहर निकलते समय मास्क पहने, सुबह-शाम तेज गतिविधियों से बचें और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें. फिलहाल वही गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की तरफ से प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को लागू किया गया, लेकिन हवा की गुणवत्ता में फिलहाल सुधार के संकेत नहीं दिख रहे हैं.
IQAir क्या है ?
IQAir एक स्विट्जरलैंड स्थित वैश्विक वायु-गुणवत्ता निगरानी करने वाली एक संस्था है, जो दुनिया भर के हजारों सरकारी और निजी मॉनिटरिंग स्टेशनों से रियल-टाइम डेटा लेकर AQI रैंकिंग तैयार करती है. यह संस्था पीएम 2.5, पीएम 10, ओजोन और अन्य खतरनाक प्रदूषकों के आधार पर शहरों की वायु गुणवत्ता को मापती है. इसकी रिपोर्टें दुनिया भर में मान्य हैं. वायु प्रदूषण के अध्ययन, चेतावनी व नीति निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
जानिए क्या कहते हैं दिल्लावासी
राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और समस्या पर दिल्ली के बदरपुर स्थित अली गांव में रहने वाले मोहम्मद नईम ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण आम लोगों के लिए समस्या बना है. लेकिन मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की कार्यालय में एयर प्यूरीफायर लगा हुआ है, इसी से लोग संतुष्ट हो जाते हैं. उन्होंने सरकार पर तंज करते हुए कहा कि बस स्टैंड पर लोग घंटे तक बस का इंतजार कर रहे हैं. कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां नहीं आ रही है, जिसकी वजह से भी जगह-जगह प्रदूषण हो रहा है.
त्रिलोकी नाथ ने बताया; ”दिल्ली में वाहनों की संख्या बहुत अधिक है जिसकी वजह से यहां प्रदूषण हो रहा है. अब इसमें सरकार क्या कर सकती है लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग लोगों को ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए, जिससे प्रदूषण कम हो. अकेले सरकार के चाहने से यह समस्या नहीं हल होने वाली है. प्रदूषण से सांस लेने में समस्या हो रही है तमाम तरीके की बीमारियां पैदा हो रही है.”
विनोद कुमार चौबे ने बताया; ”खोड़ा कॉलोनी में रहते हैं. उन्होंने कहा कि वह पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करते हैं और मास्क लगाकर घर से निकलते हैं जिससे प्रदूषण से बच सकें. प्रदूषण की रोकथाम के लिए सरकार को ही कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे.” वहीं, शिव शंकर ने बताया कि प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है अब मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलना पड़ेगा. फिलहाल अभी मास्क नहीं लगा रहे हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि बसों की संख्या बढ़ाई जाए, जिससे कि लोग ज्यादा से ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करें. निजी बहन का प्रयोग नहीं करेंगे तो प्रदूषण कम होगा.
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