दिल्ली में लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए धमाके के बाद पुलिस और जांच एजेंसियों ने फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डेरा जमाया हुआ है। आज एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) के आने की भी उम्मीद है। इसी बीच नूंह से 2 डॉक्टरों को हिरासत में लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, एक डॉक्टर नूंह जिले के सुनहेड़ा गांव का रहने वाला मुस्तकीम है, जबकि दूसरा फिरोजपुर झिरका क्षेत्र के अहमदवास गांव का मोहम्मद है। मुस्तकीम ने चीन से MBBS का कोर्स किया था। उसने हाल ही में अल-फलाह यूनिवर्सिटी से इंटर्नशिप पूरी की थी, जबकि मोहम्मद अभी इंटर्नशिप कर रहा है।
मुस्तकीम के चाचा ने बताया कि 2 नवंबर को उसकी इंटर्नशिप पूरी हो गई थी और वह वहां से घर आ गया था। 9 नवंबर को वह दिल्ली एम्स में नौकरी के लिए टेस्ट देकर आया था। इसके दूसरे दिन दिल्ली में ब्लास्ट हो गया। गुरुवार रात करीब 8 बजे NIA और फरीदाबाद क्राइम ब्रांच की पांच गाड़ियां उनके घर पहुंची और मुस्तकीम को अपने साथ ले गई। पुलिस का कहना है कि मुस्तकीम के फोन में आतंकियों के नंबर और बातचीत मिली है। उसे बेवजह फंसाया जा रहा है। उधर, आज अल फलाह यूनिवर्सिटी एंड मेडिकल कॉलेज में पुलिस का सख्त पहरा दिखा। यहां काम करने वाले लोगों को भी आईडी कार्ड देखकर और पूछताछ के बाद ही अंदर जाने दिया गया। वहीं, जुम्मे की नमाज अदा करने के लिए यूनिवर्सिटी के छात्र और डॉक्टर ही पहुंचे।


लाल इको स्पोर्ट्स में विस्फोटक ढोने के संकेत: दिल्ली में विस्फोट के बाद, पुलिस ने आशंका जताई थी कि धमाके में शामिल आतंकवादियों के पास एक नहीं, बल्कि दो कारें थीं। गुरुग्राम नंबर की आई-20 कार का इस्तेमाल विस्फोट के लिए किया गया था। जबकि दूसरी, लाल रंग की इको स्पोर्ट्स कार की तलाश के लिए दिल्ली के पड़ोसी राज्यों, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में अलर्ट जारी किया गया था। बाद में, यह इको स्पोर्ट्स कार फरीदाबाद के खंदावली गांव में खड़ी मिली। यह कार दो दिनों से वहां खड़ी थी। जिस घर के बाहर यह कार खड़ी मिली, वह अल-फलाह यूनिवर्सिटी के एक कर्मचारी का है। ऐसी जानकारी है कि इस कार में विस्फोटक सामग्री ढोए जाने के संकेत मिले हैं। यह कार डॉ. उमर नबी के नाम पर पंजीकृत है। जांच के बाद, टीमों ने इसे सेक्टर 58 थाने में भेज दिया।

ब्रेजा कार दो महीने में करीब 30 हजार किलोमीटर चली: अल-फलाह यूनिवर्सिटी कैंपस से गुरुग्राम को बरामद हुई ब्रेजा कार डॉ. शाहीन सईद के नाम है। ये सितंबर में खरीदी गई। करीब दो महीने में ही कार करीब 30 हजार किलोमीटर चल चुकी है। इस वजह से कार संदेह के घेरे में है। क्योंकि डॉ. शाहीन यूनिवर्सिटी कैंपस में ही रहती थी। हरियाणा पुलिस की बम स्क्वॉड टीम ने करीब 3 घंटे तक कार की जांच की। इसमें पुलिस को कुछ संदिग्ध नहीं मिला है। लेडी आतंकी डॉ. शाहीन ने ही जम्मू-कश्मीर पुलिस को पूछताछ के दौरान इस ब्रेजा कार की लोकेशन का पता दिया था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस ब्रेजा कार को अपने कब्जे में लिया था।

स्विफ्ट डिजायर कार डॉ. मुजम्मिल चलाता था: अब पुलिस को जिस चौथी स्विफ्ट डिजायर कार की तलाश है, उसके भी आतंकी मॉड्यूल से जुड़ी होने का शक है। बताया जा रहा है कि यह कार डॉ. शाहीन की है, लेकिन इसका इस्तेमाल डॉ. मुजम्मिल करता था। पुलिस ने फतेहपुरा तगा और धौज में उन घरों के आसपास भी इस कार के बारे में पूछताछ की, जहां 2900 किलो विस्फोटक मिला था।
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