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दहेज हत्यारोपी पति, सास-ससुर व देवर को आजीवन कारावास

– सत्तर हजार का अर्थदण्ड भी लगाया
फतेहपुर। अपर सत्र न्यायालय कोर्ट नंबर दो की विद्वान न्यायाधीश ने दहेज हत्या के एक मामले की अंतिम सुनवाई करते हुए दहेज हत्यारोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। फैसला सुनाते हुए पीठासीन अधिकारी ने सत्तर हजार रुपए का अर्थ दण्ड भी लगाया है।
शासकीय अधिवक्ता प्रमिला कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि ललौली थाना क्षेत्र के अकिलाबाद गांव निवासी वादी मुकदमा रामजीत सिंह ने अपनी पुत्री रीता की शादी गांव के ही अरुण उर्फ पप्पू के साथ हिंदू रीति-रिवाज से की थी। शादी की करीब बारह साल बाद 25 अक्टूबर 2013 को दिन के लगभग 12 बजे पति अरुण व ससुर धर्मराज, सास शकुंतला के साथ ही देवर अखिलेश उर्फ पुत्ती ने दहेज के लिए पुत्री के साथ मारपीट किया। इसकी जानकारी उसके भतीजे विनोद ने घर आकर उसके पुत्र प्रदीप को सूचना दी। सूचना मिलते ही प्रदीप बहन की ससुराल पहुंचा और मारपीट का विरोध करने लगा। इस पर उसे भी जान से मार देने की धमकी देते हुए पति अरुण ने रीता के ऊपर मिट्टी का तेल डाल दिया और सास के कहने पर देवर ने माचिस से आग लगा दी, जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई। उन्होंने बताया कि ललौली पुलिस ने 27 अक्टूबर 2013 मुकदमा दर्ज किया। दौरान मुकदमा पांच साक्षी अदालत के समक्ष पेश किए गए। विद्वान न्यायाधीश पूजा विश्वकर्मा ने आज विचारण मामले की सुनवाई करते हुए अभियोजन और बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं के तर्क सुनने एवं पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर सभी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा और सत्तर हजार रुपए का अर्थ दण्ड का फैसला सुनाया।

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