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आफत की बाढ़: रौद्र रूप में कालिंदी, तिरहार में खलबली

– यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने से बिगड़ रहे हालात
– गांव में भरा बाढ़ का पानी एवं कैंप में बैठा परिवार।
फतेहपुर। यमुना नदी में आई बाढ़ से तिरहार की जिंदगी में खलबली मचा दी है। यमुना किनारे बसे गांव के लोग, आपदा की दहशत के साए में जैसे तैसे गुजर बसर कर रहे हैं। प्रशासन ने टापू बने गांवों को खाली करवा कर राहत शिविरों में खाने पीने से लेकर रहने और सोने के इंतजाम किए हैं। इसके बावजूद प्रभावित जनता को बहुत राहत नहीं मिल पा रही है। बाढ़ के कारण, राहत शिविर के अंदर और बाहर जीव जंतु मंडरा रहे हैं। जिससे आंखों से नींद गायब है। सोमवार की सुबह आठ बजे यमुना का जल स्तर 101.72 मीटर जा पहुंचा। दोपहर चार बजे इस नदी का जलस्तर 100.10 मीटर इंद्राज किया गया। यमुना में खतरे का निशान 100.00 मीटर पर है। इस लिहाज से कुछ राहत तो मिलने की संभावना जगी लेकिन जिस तरह से कई गांवों में पानी घुस चुका है। उससे वहां की जिंदगी, एक तरह से प्रशासन पर निर्भर हो चुकी है। प्रशासन ने बाढ़ के कारण बेघर हुए ग्रामीणों को आश्रय स्थल पर विस्थापित कराया है। यह अलग बात है कि दस-दस फीट की टेंटनुमा राउटी के नीचे जैसे तैसे जिंदगी गुजर रही है। बाढ़ का पानी इर्द गिर्द भरा होने से जलीय जीव जंतुओं में सांप और मगरमच्छ तक का खतरा मंडरा रहा है।

टापू बने गांव, रास्तों में पानी
फतेहपुर। यमुना नदी का जिस तरह का रूप दिखाई दे रहा है। उससे हालात लगातार खराब होते चले जा रहे हैं। मौजूदा वक्त यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। जिसे लेकर यमुना पट्टी की जिंदगी में खलबली मच गई है। लोग अपने घरों का सामान और बीवी बच्चों को सुरक्षित ठीक आने पर पहुंच रहे हैं।

गंगा में भी बढ़ा पानी, कटरी भी चौकन्नी
फतेहपुर। गंगा का जल स्तर भी बढ़ रहा है। सोमवार की सुबह आठ बजे यह 99.6 मीटर दर्ज किया गया जो दोपहर चार बजे की माप में 99.30 मीटर जा पहुंचा। जिसे देखते हुए कटरी की जिंदगी में भी उथल पुथल देखने को मिल रही है।

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