गुरुग्राम में आयोजित तीन दिवसीय कॉन्कोर्स में उन विंटेज कारों की झलक देखने को मिल रही है जो अपने समय में सड़कों की शान हुआ करती थीं। अगर आप इतिहास की किताबों से निकलकर सड़कों पर दौड़ती विरासत को देखना चाहते हैं तो लीला एंबियंस गोल्फ ग्रीन्स का रुख करें। यहां विंटेज कारों का ऐसा कलेक्शन प्रदर्शित किया गया है, जो किसी म्यूजियम से कम नहीं है। तीन दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में देश-विदेश की 125 से अधिक दुर्लभ विंटेज कारें और 50 विंटेज मोटरसाइकिलें प्रदर्शित की जा रही हैं, जो गुरुग्राम वासियों के लिए एक अनूठा अनुभव लेकर आई हैं।
इस ऐतिहासिक आयोजन का उद्घाटन हरियाणा सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने किया। इससे पहले, इंडिया गेट पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विंटेज कारों की ग्रैंड रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था, जो राजधानी की सड़कों से होते हुए गुरुग्राम पहुंची। 23 फरवरी तक आम लोग इन पुरानी खूबसूरत कारों का दीदार कर सकते हैं। जिसमें रेंज रोवर, मर्सिडीज, बेंटली, फोर्ड, एमजी और कई पुराने ब्रांड्स की विंटेज कारें शामिल हैं। इन कारों का हर एक पार्ट, हर एक डिजाइन और हर एक तकनीक किसी न किसी युग की कहानी बयां करती है।
यह आयोजन न केवल कार प्रेमियों के लिए, बल्कि उन लोगों के लिए भी एक अद्भुत अनुभव है, जो कारों के इतिहास और संस्कृति में रुचि रखते हैं। इस प्रतिष्ठित ऑटो शो में कारों की ऐसी विरासत पेश की जा रही है, जिसे देखने के लिए ऑटोमोबाइल प्रेमी और विशेषज्ञ दूर-दूर से आ रहे हैं। जब 1939 की डेलाहे (फिगोनी एट फलास्की) की चमचमाती बॉडी, 1903 डी डिऑन बूटोन की नायाब बनावट, और 1917 फोर्ड मॉडल टी रोडस्टर की ऐतिहासिक शान लोगों को मंत्रमुग्ध कर रही हैं। खासकर इस शो की सबसे पुरानी कार 1903 डी डिऑन बूटोन, पूर्व अयोध्या राजपरिवार की 1935 ब्यूक 90L और 1935 कैडिलैक फ्लीटवुड शामिल हैं।
इस साल रोल्स-रॉयस के 120 गौरवशाली वर्षों का विशेष जश्न मनाया जा रहा है। इस मौके पर 1922 सिल्वर घोस्ट लिमोजिन, 1926 सिल्वर घोस्ट टिलबरी सेडान, 1929 P1 सेडान डेविल और 1936 P3 लांडॉलेट बाय बार्कर जैसी नौ क्लासिक कारों की झलक देखने को मिलेगी। वहीं, MG मोटर्स के 100 साल पूरे होने पर एक खास MG क्लास का आयोजन किया गया है, जिसमें 1938 MGTA टिकफोर्ड DHC, 1947 MGTC और 1953 MG TD जैसी ऐतिहासिक गाड़ियां शामिल हैं। इस साल के आयोजन में देश-विदेश के कई विंटेज कार कलेक्टर्स और राजघरानों के सदस्य शिरकत कर रहे हैं।
इनमें योहान पूनावाला, विवेक गोयनका, दिलजीत टाइटस, जिमी टाटा, गौतम हरि सिंघानिया, हर्षपति सिंघानिया और अर्जुन ओबेरॉय जैसे दिग्गज शामिल हैं। साथ ही जोधपुर, जैसलमेर, राजकोट, बड़ौदा, गोंडल, मैसूर, करौली, ग्वालियर, मोरबी, वांकानेर, कच्छ और संतरामपुर के राजपरिवार भी इस अनूठी प्रदर्शनी में हिस्सा ले रहे हैं।
प्रतियोगिता में भाग लेने वाली कारों की बारीकी से जांच करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ जूरी बुलाई गई है, जिसमें क्रिश्चियन क्रेमर, व्हिटनी ओवरॉकर, शिनिची एक्को, एलेक्स वॉन मोजर और एलन विन जैसे नामी जज शामिल हैं।
यह जूरी कारों को प्रामाणिकता, डिजाइन, कारीगरी और ऐतिहासिक महत्व के आधार पर परख रही है। 21 गन सैल्यूट हेरिटेज ट्रस्ट के चेयरमैन एवं मैनेजिंग ट्रस्टी मदन मोहन का कहना है कि यह सिर्फ एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि भारत की समृद्ध ऑटोमोबाइल विरासत का उत्सव है। हम इस आयोजन के माध्यम से न केवल ऐतिहासिक गाड़ियों को संजोने का संदेश दे रहे हैं, बल्कि भारत को विंटेज कारों के वैश्विक मंच पर स्थापित कर रहे हैं।”