फतेहपुर में एक 61 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने राज्य महिला आयोग की सदस्य सहित तीन लोगों पर जबरन हस्ताक्षर कराने और एक लाख रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
ललौली थाना क्षेत्र की निवासी रजिया बेगम के अनुसार, उनके पति स्वर्गीय आसिक हुसैन की दो पत्नियाँ थीं। पहली पत्नी के निधन के बाद उन्होंने रजिया बेगम से विवाह किया था। पति द्वारा अर्जित संपत्ति में बहुआ मेन रोड पर स्थित तीन दुकानों में से एक रजिया बेगम के हिस्से में है, जबकि शेष दो पर उनके सौतेले बेटे इम्तियाज खान का कब्जा है।
जांच में जुटी भीड़
रजिया बेगम का आरोप है कि इम्तियाज उनकी हिस्सेदारी वाली दुकान पर भी कब्जा करना चाहता है। इसी साजिश के तहत, 6 अगस्त को शाम 4 बजे उन्हें एक मोबाइल कॉल आया। फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को राज्य महिला आयोग की सदस्य का पीएस बताया और उन्हें फतेहपुर बुलाया।
अगले दिन, जब रजिया अपने किरायेदार इरशाद के साथ वहां पहुंचीं, तो उन्हें एक कमरे में ले जाकर अभद्र भाषा में गालियां दी गईं और दबाव बनाकर एक सादे कागज पर जबरन हस्ताक्षर करा लिए गए। उनके साथियों को बाहर रोक दिया गया था। रजिया के रोने की आवाज सुनकर कुछ लोग मौके पर पहुंचे, जिन्होंने घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग की।
इसके बाद, आरोपियों ने कथित तौर पर धमकी दी कि यदि रजिया बेगम ने एक लाख रुपये नहीं दिए, तो वे अपने “महिला आयोग के प्रभाव” का इस्तेमाल कर उन्हें झूठे मुकदमों में फंसा देंगे।
रजिया बेगम ने बताया कि उन्होंने इस पूरे प्रकरण की सूचना थाना ललौली, पुलिस अधीक्षक फतेहपुर, आईजी लखनऊ, राष्ट्रीय महिला आयोग और राज्य महिला आयोग को रजिस्ट्री के माध्यम से भेजी थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
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