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मासूम शर्मा के गाने बैन: हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री में हंगामा!

हरियाणा के प्रसिद्ध गायक मासूम शर्मा के तीन बड़े गानों को बैन कर दिया गया है। बदमाशी वाले गानों पर सरकार ने कैंची चलानी शुरू कर दी है। इन पर 100 मिलियन से ज्यादा व्यूज थे। मासूम शर्मा ने लाइव आकर भेदभाव के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार को गन कल्चर के गानों पर रोक ही लगानी है तो वे सरकार के साथ हैं, लेकिन सभी कलाकारों के साथ समान व्यवहार होना चाहिए। हरियाणा सरकार में पब्लिसिटी सेल में एक अधिकारी जान बूझकर उसे निशाना बना रहा है। ऐसे ही भेदभाव चलता रहा तो हरियाणवी सान्ग इंडस्ट्री बंद हो जाएगी और यहां का यूथ पंजाबी गाने सुनेगा। एक दूसरे गायक नरेंद्र भगाना ने भी कुछ इसी तरह के आरोप लगाए हैं।

उनका कहना है कि गानों पर बैन लगाने की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए। साथ ही सरकार को कलाकारों के बारे में भी सोचना चाहिए। मुश्किल से हरियाणवी इंडस्ट्री आगे बढ़ने लगी है। ऐसे में तो सैकड़ों कलाकारों और उनके साथ जुड़े हजारों लोगों के रोजगार पर संकट पैदा हो जाएगा। जींद के जुलाना कस्बे के रहने वाले गायक मासूम शर्मा के कई गानों में गन कल्चर को बढ़ावा देने का आरोप है। हाल ही में सरकार ने मासूम शर्मा के गाने ‘ट्यूशन बदमाशी का’, ’60 मुकदमे’ और ‘खटोला’ को यूट्यूब पर बैन करवा दिया है।

मासूम का कहना है कि सिंगर नरेंद्र भगाना और अंकित बालियान के भी एक-एक गाने को हटाया गया है ताकि यह न लगे कि केवल मासूम के ही गाने हटाए जा रहे हैं। इन गानों पर 100 मिलियन से ज्यादा व्यूज थे। मासूम शर्मा ने लाइव में कहा कि मेरे गानों को तो बदमाशी का गाना बोलकर हटवाया जा रहा है, जबकि कुछ कलाकार फोक बताकर अश्लीलता परोस रहे हैं, उन पर भी तो रोक लगे। बहन-बेटियों के बारे में अश्लील गाने बना रहे हैं उनसे क्या युवा बिगड़ते नहीं हैं। बदमाशी के गाने दूसरे कलाकार भी तो बना रहे हैं, उन पर तो कोई कार्रवाई नहीं हुई।

मासूम शर्मा ने कहा कि 10 साल पहले तक हरियाणा में पंजाबी गाने ही बजते थे। उनमें गन कल्चर है। सभी कलाकारों ने मेहनत कर आज हरियाणवी गीत इंडस्ट्री को इस मुकाम तक खड़ा किया है। अब अगर हरियाणवी गाने बैन कर देंगे तो युवा पंजाबी गाने सुनेंगे। उन पर रोक कैसे लगेगी। साउथ मूवी में भयंकर हिंसा होती है, उन पर कैसे रोक लगेगी। केवल हरियाणवी कलाकारों के पेट पर लात नहीं मारनी चाहिए। मासूम शर्मा ने कहा कि सरकार में बैठे कुछ लोग उसके कुछ गाने डिलीट करवाकर सरकार को गुमराह कर रहे हैं। ऐसे गानों को छांटने के लिए ऐसे व्यक्ति की जिम्मेदारी लगानी चाहिए, जो निस्वार्थ भाव से काम करे। कोई पारदर्शी पॉलिसी बनाई जानी चाहिए।

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