भारत ने अफगानिस्तान के लिए एक बड़ी जंग लड़ने का ऐलान कर दिया है। पहली बार भारत एक ऐसी जंग का हिस्सा बन सकता है जो पहले से ही बर्बाद पाकिस्तान की नींदे उड़ा देगा। भारत ने एक बहुत बड़ी स्ट्रेटजी पर काम शुरू कर दिया है। पाकिस्तान ने कुछ दिन पहले कहा था कि हम भारत को बांग्लादेश की मदद से अब पूर्वी इलाके से घेरेंगे। लेकिन उससे पहले ही भारत ने पाकिस्तान को पश्चिमी इलाके से घेर लिया है। आइए अब आपको बताते हैं कि भारत अफगानिस्तान के लिए कौन सी जंग लड़ने वाला है। दरअसल कुछ दिन पहले अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने ऐलान किया था कि जिस तरह से भारत ने पाकिस्तान का पानी रोका, हम भी ऐसे ही पाकिस्तान का पानी रोकेंगे।
तालिबान ने ऐलान किया कि अफगानिस्तान से पाकिस्तान जाने वाली कुनार नदी पर हम एक बड़ा प्रोजेक्ट शुरू करने वाले हैं इस प्रोजेक्ट से अफगानिस्तान की जनता को लाभ होगा। भले ही पाकिस्तान सूखा मर जाए। अब भारत ने पहली बार बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि हम इस प्रोजेक्ट में अफगानिस्तान का साथ देने के लिए तैयार हैं। भारत ने कहा है कि हम जल प्रबंधन यानी वाटर मैनेजमेंट में अफगानिस्तान का साथ देंगे और इसमें कुनार नदी पर बनने वाला हाइड्रोइिक प्रोजेक्ट भी शामिल है। यानी भारत ने खुलकर ऐलान कर दिया है कि वह अफगानिस्तान के लिए कुनार नदी पर बांध बनाएगा। यह बांध बन गया तो पाकिस्तान पहुंचने वाला बचा खुचा पानी भी सूख जाएगा। दिलचस्प बात यह है कि जब अफगानिस्तान ने 480 कि.मी. लंबी कुनार नदी का पानी रोकने की बात कही थी तो पाकिस्तान के कुछ एक्सपर्ट्स ने भारत को धमकी देते हुए कहा था कि अगर भारत ने गलती से भी अफगानिस्तान की मदद की तो हमारी सेना के लड़ाकू विमान भारत और अफगानिस्तान के उस बांध को उड़ा देंगे।
लेकिन सबसे दिलचस्प ये है कि भारत ने पहली बार बकायदा बयान देकर कहा है कि हम अफगानिस्तान के लिए कुनार नदी पर बांध बनाने के लिए तैयार हैं। पहले से ही सिंधु जल संधि की मार झेल रहे पाकिस्तान को कुनार नदी ने भी हार्ट अटैक दे दिया है। आपको बता दें कि इकोलॉजिकल थ्रेट रिपोर्ट कहती है कि भारत की ओर से नदियों के प्रवाह को अचानक रोकना या उनको पूरी तरह से मोड़ देना पाकिस्तान के लिए बड़ा संकट पैदा कर सकता है।
सिंधु नदी के प्रवाह में कमी की वजह से पहले से ही पाकिस्तान में बर्बादी शुरू हो गई है। लेकिन कुनार नदी के रुकते ही पाकिस्तान के करोड़ों लोग प्रभावित होंगे। कुनार नदी अफगानिस्तान से निकलकर पाकिस्तान में चितराल नदी बनकर काबुल नदी में मिलती है और मजे की बात देखिए कि यही काबुल नदी फिर सिंधु नदी में शामिल हो जाती है। यानी इंडस वाटर ट्रीटी के सस्पेंड होने के बाद सिंधु नदी में जो बचा कुचा पानी था वह कुनार नदी की वजह से ही आ रहा था। लेकिन अब उस पानी को भी रोक दिया जाएगा।
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