MBBS कर रहे अलवर के उत्कर्ष शर्मा की कजाकिस्तान में मौत हो गई। जिम में एक्सरसाइज करने के बाद उनको हार्टअटैक आया था। इसके बाद उन्हें बचाया नहीं जा सका। घटना से करीब तीन घंटे पहले ही उत्कर्ष ने घर पर बात की थी। पिता सहित तीन लोग कजाकिस्तान के लिए रवाना हो गए हैं। गुरुवार दोपहर एक बजे तक वो लोग अलवर आएंगे। उत्कर्ष अलवर शहर के काला कुआं विवेकानंद नगर के रहने वाले थे। उनके पिता डॉ. शैलेंद्र शर्मा अलवर जिला टीबी हॉस्पिटल में डिस्ट्रिक्ट प्रोग्रामिंग ऑफिसर हैं।
डॉ. शैलेंद्र शर्मा (उत्कर्ष के पिता) के दोस्त अजय पूनिया ने बताया- घटना 29 मार्च की रात करीब 11 बजे की है। उत्कर्ष पूरी तरह फिट थे। वह कजाकिस्तान के सिम-कैंट यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट थे। 29 मार्च को उनका सेकेंड सेमेस्टर का रिजल्ट आया था। उन्होंने घर वालों से बात की थी। रोज की तरह 29 मार्च को भी उत्कर्ष जिम गए थे। रात में जिम से वापस अपने कमरे पर लौट आए थे। रात करीब 9 बजे उनकी तबीयत बिगड़ी।
उनकी सांसें तेज चल रही थीं। कमरे के सामने की बिल्डिंग में ही अलवर के बांबोली का स्टूडेंट रहता है। उत्कर्ष ने उसको कॉल किया। वह फौरन आया और उत्कर्ष को हॉस्पिटल लेकर गया। अफसोस, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। डॉक्टर ने मौत का कारण हार्ट अटैक बताया। उत्कर्ष के दोस्तों ने उनके पिता डॉ. शैलेंद्र शर्मा को बताया था कि जिम से आकर उन्होंने खाना खाया था। फिर घूमने चले गए थे। वापस कमरे में आकर फोन पर हमलोगों के साथ बात भी की थी।
उत्कर्ष ने मौत से 3 घंटे पहले फोन पर छोटी बहन भूमि से बात की थी। इससे पहले दोपहर करीब 2 बजे अपनी मां सुनीता से भी बात की थी। मां ने बताया- उत्कर्ष ने कहा था कि पैसे कम बचे हैं। मुझे कुछ पैसे भेज देना। मुझे कपड़े, टीशर्ट और अन्य सामान लेकर आना है।
डॉ. शैलेंद्र शर्मा ने बताया- 30 मार्च की देर रात उत्कर्ष के दोस्तों ने फोन पर बताया कि वह सीरियस है। हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया गया है। आप जल्दी आ जाओ। परिवार के दो सदस्यों के साथ 31 मार्च को कजाकिस्तान के लिए रवाना हुआ। कजाकिस्तान के उस हॉस्पिटल गए, जहां बेटे को ले जाया गया था। वहां बेटा तो नहीं मिला, पर उसका शव जरूर मिल गया। गुरुवार सुबह 10 बजे शव लेकर हम दिल्ली पहुंच जाएंगे।