जयपुर: नीरजा मोदी स्कूल में 4th फ्लोर से कूदकर छात्रा ने सुसाइड कर लिया। 1 नवंबर (शनिवार) को हुई इस घटना का VIDEO सामने आया है। करीब 10 सेकेंड के CCTV फुटेज में पहले बच्ची स्कूल की रेलिंग पर चढ़कर बैठती है। इसके बाद नीचे कूद जाती है। सिर दीवार से टकराते हुए लड़की झाड़ियों में गिरती है। इस दौरान एक अन्य व्यक्ति का सिर भी सीसीटीवी में दिख रहा है। आखिरी पीरियड में टीचर से वॉशरूम जाने की परमिशन लेकर क्लास से निकली और सीधे चौथी मंजिल पर जाकर नीचे छलांग लगा दी। मानसरोवर के शिप्रा पथ स्थित स्कूल में घटना दोपहर 1:30 बजे हुई। छात्रा अमायरा (9) पुत्री विजय कुमार मानसरोवर स्थित द्वारका अपार्टमेंट में रहती थी।
बच्ची की पसलियां टूटीं: मेट्रो मास हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में मौजूद डॉक्टर ने बताया- जब बच्ची को हॉस्पिटल लेकर आए थे।, उस वक्त सांसें लगभग थम चुकी थीं। उसकी पसलियां टूटकर आंतरिक अंगों के अंदर घुस गई थीं। इसकी वजह से बॉडी में हवा भर गई थी। हवा भरने की वजह से पूरी बॉडी में सूज गई थी। सिर में भी गहरी चोट थी। इस कारण काफी ब्लीडिंग हुई थी। मुरलीपुरा के मुक्तिधाम में उसका अंतिम संस्कार किया गया।
बच्ची के सुसाइड की 3 तस्वीरें…



आरोप है कि जहां बच्ची गिरी, वहां से खून के धब्बे को स्कूल प्रशासन ने साफ करवा दिए। घटना के बाद मौके से सबूत सुरक्षित रखना कानूनन जरूरी होता है, लेकिन स्कूल प्रशासन ने सबूत मिटा दिए। शनिवार को हादसे की सूचना पर मेट्रो मास अस्पताल पहुंची मां शिबानी देव और पिता विजय देव का बुरा हाल था। मां अपनी बच्ची को लौटा देने की बात कहती रही। विजय (पिता) खामोश खड़े रहे। देर रात रात को परिजनों की ओर से स्कूल प्रबंधन और टीचर्स के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई। इसके बाद जयपुरिया हॉस्पिटल मेडिकल बोर्ड ने बच्ची का पोस्टमॉर्टम किया।
पिता ने स्कूल प्रबंधन-टीचर्स पर लगाए आरोप: बच्ची के पिता ने पुलिस में दी शिकायत में लिखा है- स्कूल प्रबंधन से घटना के बारे में पूछा गया, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया। न ही घटनास्थल दिखाया। मेरी बच्ची की मौत स्कूल में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है, जिसमें स्कूल प्रबंधन और टीचर्स की भूमिका संदेह के घेरे में है। मेरी बच्ची जब स्कूल गई, तब स्वस्थ और सामान्य थी। स्कूल प्रबंधन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उच्चस्तरीय जांच कर न्याय दिलवाया जाए।
नीरजा मोदी स्कूल प्रबंधन का रवैया आपराधिक श्रेणी में आता है संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान ने कहा- जब स्कूल समय में किसी मासूम के साथ इतना बड़ा हादसा होता है तो स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी तय होना अनिवार्य है। पुलिस को समय पर सूचना नहीं देना, घटनास्थल की धुलाई कर सबूत मिटाना और जांच में सहयोग नहीं करना स्पष्ट रूप से कानूनी अपराध है। नीरजा मोदी स्कूल प्रबंधन का यह रवैया निंदनीय ही नहीं, बल्कि आपराधिक श्रेणी में आता है।
NCPCR (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग) की स्पष्ट गाइडलाइन के अनुसार, स्कूल बिल्डिंग ग्राउंड फ्लोर सहित अधिकतम तीन मंजिल की हो सकती है, लेकिन नीरजा मोदी स्कूल पांच से ज्यादा मंजिलों पर संचालित हो रहा है। प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा- नीरजा मोदी स्कूल ने जिस प्रकार तथ्यों को छिपाया, पुलिस और मृतका के अभिभावकों को जानकारी नहीं दी और सबूत नष्ट किए। यह गंभीर आपराधिक कृत्य है। ऐसे में स्कूल की मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द की जानी चाहिए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि राजनीतिक प्रभाव (विधायक परिवार का प्रभाव) जांच या कार्रवाई को प्रभावित न करे।
क्योंकि यह स्कूल एक विधायक के बेटे द्वारा संचालित और विधायक की बेटी के नाम से रजिस्टर है। बच्ची के पिता एलआईसी और मां बैंक में मैनेजर बच्ची के पिता एलआईसी में और मां बैंक ऑफ बड़ौदा की मालवीयनगर ब्रांच में चीफ मैनेजर है। अमायरा के पिता विजय मूलतः गोहाना, सीकर के रहने वाले हैं। वे लंबे समय से मुरलीपुरा के सिंधु नगर में रह रहे थे। इसके बाद बीटू बाइपास के पास (मानसरोवर) द्वारका अपार्टमेंट में फ्लैट में यह अपने परिवार के साथ रहने आए थे।
स्कूल के एनुअल फंक्शन में ऑल राउंडर अवॉर्ड जीती थी कुछ दिन पहले की ही बात है। स्कूल के एनुअल फंक्शन में अमायरा ने ऑलराउंडर अवॉर्ड जीता था। साथी बताते हैं, वो हमारी ‘बेस्ट बडी’ थी। शनिवार सुबह जब स्कूल पहुंची तो सबसे हंसी-खुशी मिली थी। डांस क्लास में भी गई थी। दिनभर चहकती रही। किसी को लगा ही नहीं था कि ऐसी अनहोनी हो जाएगी।
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