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आरएनआई की भ्रामक नीति के खिलाफ लामबंद होंगे पत्रकार

 

चेन्नई (एजेंसी)। लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों की समस्याओं का मुद्दा उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष डा. राजेश त्रिवेदी ने चेन्नई में इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन के राष्ट्रीय मंच पर प्रभावी ढंग से उठाया। जिसे पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री एस. एन. सिन्हा, पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष श्री बलवीर सिंह झंडू सहित सभी प्रदेश अध्यक्षों द्वारा प्रभावी समर्थन मिला और यह प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हो गया। आइजेयू के राष्ट्रीय महासचिव श्री बलविंदर सिंह जम्मू ने आरएनआई की नई नीतियों के खिलाफ संसद के आगामी मानसून सत्र के दौरान नई दिल्ली में धरना प्रदर्शन का ऐलान किया। सरकार की मनमानी तथा आर एन आई की तानाशाही के खिलाफ इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन ने सबसे पहले मुखर होकर चेन्नई में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह आवाज उठाकर छोटे और मझोले समाचार पत्रों को जो समर्थन देकर उनकी हौसला अफजाई की है। इससे इन मध्यवर्गीय समाचार पत्रों को काफी बड़ा संबल मिला है। हालांकि यह मुद्दा संपूर्ण भारतवर्ष के लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों का है, किंतु इसकी आवाज उत्तर प्रदेश से उठाई गई है। उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन पंजीकृत ने राष्ट्रीय मंच पर यह आवाज उठाकर देश के लाखों की संख्या में प्रकाशित छोटे और मझौले चार पत्रों को राहत पहुंचाने का काम किया है। श्रमजीवी पत्रकार यूनियन पंजीकृत के महामंत्री रमेश शंकर पाण्डेय ने दिल्ली में आयोजित होने वाले धरना प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश सें सर्वाधिक संख्या में पत्रकार साथियों के भाग लेने की अपील करते हुए प्रदेश के सभी लघु एवं मध्य समाचार पत्र के संपादकों से दिल्ली हर हाल में पहुंचने का आवाहन किया है।
इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चेन्नई के वाईएमसीए सभागार में आरंभ हुई। मुख्य अतिथि वरिष्ठ भाजपा नेता एच वी हंडे विशिष्ट अतिथि फिल्म अभिनेत्री गौतमी टेडीमल्ला व ई० गोपाल जी चीफ सब एडिटर दैनिक द हिंदू, आई जे यू अध्यक्ष श्रीनिवास रेड्डी, पूर्व अध्यक्ष एस एन सिन्हा सेक्रेटरी जनरल बलविंदर सिंह, जम्मू सीनियर आई जे यू लीडर देउलापल्ली अमर ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में आज भी प्रिंट मीडिया का महत्वपूर्ण स्थान है। हालांकि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने भी पत्रकारिता के क्षेत्र में काफी काम किया है। किंतु जो स्थान प्रिंट मीडिया का है, वह किसी का नहीं प्रिंट मीडिया पर आज भी आम जनमानस का विश्वास कायम है। प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता न कभी समाप्त हुई है और न कभी होगी, लेकिन सोशल मीडिया ने जो स्थिति पैदा की है उसने मीडिया क्षेत्र को काफी बदनाम कर दिया है। सोशल मीडिया पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है। आइजेयू महामंत्री बलविंदर सिंह जम्मू ने रिपोर्ट प्रस्तुत की उसके बाद सभी राज्यों ने अपने अपने राज्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। अधिवेशन में डी. एस. सुभाष, उमाशंकर मेहता, श्रीनिवास गुंडारी, सरदार रवींद्र सिंह आदि कई प्रदेशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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