मुंबई से वाराणसी जा रही इंडिगो एयरलाइंस की एक फ्लाइट को कल रात यानी 6 अप्रैल की करीब 10 बजे मेडिकल इमरजेंसी के कारण छत्रपति संभाजीनगर के चिकलथाना अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ी. फ्लाइट में सवार उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की 89 वर्षीय महिला यात्री सुषिला देवी की तबियत अचानक बिगड़ गई, जिससे विमान के पायलट ने तात्कालिक रूप से आपात लैंडिंग का फैसला लिया.
यात्री की स्थिति को गंभीर देख पायलेट ने तुरंत छत्रपति संभाजीनगर एयरपोर्ट से संपर्क किया और इमरजेंसी लैंडिंग के लिए अनुमित प्राप्त की. इसके बाद हवाई अड्डे पर मेडिकल टीम और अन्य जरूरी व्यवस्थाएं तैयार की गईं. कुछ ही समय बाद विमान ने चिकलथाना एयरपोर्ट पर लैंड किया. लैंडिंग के बाद मेडिकल टीम ने सुषिला देवी की जांच की लेकिन दुर्भाग्यवश, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. हवाई अड्डा प्रशासन ने सभी आवश्यक सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित किया और घटना के बाद संबंधित औपचारिकताएं पूरी कीं.
पुलिस ने पंचनामा तैयार किया और अन्य कानूनी प्रक्रियाएं पूरी कीं. इस घटना के बाद विमान की यात्रा को फिर से शुरू किया गया और फ्लाइट ने वाराणसी की ओर अपनी उड़ान जारी रखी. यह घटना एयरलाइंस की उड़ानों में स्वास्थ्य आपात स्थितियों के लिए तत्परता और त्वरित कार्रवाई की अहमियत को एक बार फिर से स्पष्ट करती है.
विमान की आपातकालीन लैंडिंग तब की जाती है जब विमान में यात्रा कर रहे किसी यात्री की तबियत अचानक बिगड़ जाए, तकनीकी खराबी आ जाए या कोई अन्य गंभीर स्थिति उत्पन्न हो जाए, जो उड़ान को जारी रखना जोखिमपूर्ण बना दे. पायलट उस स्थिति का आकलन करता है और अगर जरूरत पड़े, तो निकटतम उपयुक्त हवाई अड्डे से संपर्क करके इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति प्राप्त करता है.
इस दौरान, विमान चालक दल यात्रियों को शांत रखने और स्थिति की गंभीरता के बारे में सही तरीके से सूचित करने के लिए तैयार रहता है. हवाई अड्डे पर मेडिकल टीम और अन्य संबंधित सेवाएं पहले से तैयार रहती हैं, ताकि लैंडिंग के बाद तुरंत सहायता प्रदान की जा सके. जब विमान सुरक्षित रूप से लैंड कर जाता है, तो अधिकारियों द्वारा आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं और यदि स्थिति सामान्य है तो उड़ान जारी रहती है.