संगमनगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले 24 घंटे में छतनाग में गंगा का जलस्तर 228 सेमी बढ़ गया। आज सोमवार सुबह 8 बजे तक यहां का जलस्तर 74.78 मीटर तक पहुंच गया। हालांकि यह जलस्तर अभी बाढ़ के खतरे से काफी नीचे है। गंगा का डेंजर लेवर 84.734 मीटर है। इसी तरह 24 घंटों में यमुना का जलस्तर भी 175 सेमी बढ़ा है और अभी यह 75.61 मीटर तक पहुंच गया है। तटीय इलाकों में रहने वाले परिवार भी अलर्ट हो गए हैं। वहीं संगम, दारागंज, रामघाट आदि स्थानों पर रहने वाले तीर्थ पुरोहित, दुकानदार व नाविक भी सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे हैं।
गंगा और यमुना नदियां तेज़ी से विकराल रूप लेती जा रही हैं।: दरअसल, इन दिनों उत्तराखंड के पहाड़ों में लगातार बारिश हो रही है। मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के बांधों से पानी छोड़े जाने से भी यहां गंगा और यमुना नदियां तेज़ी से विकराल रूप लेती जा रही हैं। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है जिसके चलते वह अपने सामानों को समेट कर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने भी बाढ़ की आशंका को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया है। संगम क्षेत्र में जल पुलिस के साथ एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की तैनाती की गई है। स्नान घाटों पर गोताखोर तैनात कर दिए गए हैं। नाविकों को तेज हवा चलने पर नावों का संचालन बंद करने और गहरे पानी की ओर न जाने की हिदायत दी गई है। नाविकों को चेतावनी दी गई है कि बगैर लाइफ जैकेट किसी भी श्रद्धालु को लेकर बोटिंग ना कराएं। नविकों को क्षमता से अधिक श्रद्धालुओं को भी नाव पर न बैठाने के दिशा निर्देश दिए गए हैं।
24 घंटे हो रही निगरानी: गंगा और यमुना नदियों के लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम से 24 घंटे गंगा और यमुना नदियों के बढ़ते जलस्तर की मॉनिटरिंग की जा रही है। हालांकि दोनों नदियां अभी डेंजर लेवल से काफी नीचे बह रही है। जिला प्रशासन ने जिले में बनाई गई लगभग 100 बाढ़ चौकियों को भी अलर्ट कर दिया है। गंगा और यमुना नदी के तटीय इलाकों में भी रहने वाले लोगों के लिए भी चेतावनी जारी की गई है। जिन कछारी इलाकों में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा बना रहता है वहां पर नाव और मोटर बोट तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं,ताकि जलस्तर बढ़ने पर ग्रामीणों का आवागमन हो सके और उन तक जरूरत के सामान भी पहुंचाया जा सके।