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नैनो यूरिया व नैनो डीएपी के प्रयोग की बताई विधियां

– तरल आधारित सहकारी प्रशिक्षण में इफको के अधिकारियों ने लिया हिस्सा
– प्रशिक्षण को संबोधित करते इफको के अधिकारी।
फतेहपुर। इफको की ओर से नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी तरल आधारित सहकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एआर कोऑपरेटिव राजेश कुमार रहे। कार्यक्रम में डीजीएम मार्केटिंग इफको एके सिंह, क्षेत्र प्रबंधक इफको प्रयागराज अक्षय कुमार पाण्डेय, एडीसीओ कोऑपरेटिव सदर जय सिंह पाल रहे। संचालन क्षेत्र अधिकारी इफको साजिद अंसारी ने किया।
एके सिंह ने नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी के प्रयोग विधि, लाभ एवं यूरिया एवं नैनो डीएपी के प्रयोग विधि की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि नैनो डीएपी का धान की रूपाई के समय 5 मिली. प्रति लीटर पानी में घोल बना कर जड़ शोघन कर 30 मिनट बाद बुआई करें। 50 दिन के पश्चात 500 मिली. नैनो यूरिया, 250 मिली. नैनो डीएपी एवं 250 मिली. सागरिका को मिला कर स्प्रे कराएं। उन्होंने बताया कि धान की फसल के लिए नैनो यूरिया प्लस, नैनो डीएपी के स्प्रेइंग का सर्वाेत्तम समय चल रहा है। प्रत्येक पंद्रह लीटर की टंकी में ढाई ढक्कन नैनो डीएपी प्लस ढाई ढक्कन नैनो यूरिया प्लस प्लस ढाई ढक्कन सागरिका को छिड़काव करायें अत्यधिक लाभ होगा। अक्षय कुमार पाण्डेय ने सचिवों को नैनो एवं उत्पादों की बिक्री पर मिलने वाली मार्जिन धनराशि व कर्मियों को मिलने वाली प्रोत्साहन योजनाओं के बारे में जानकारी दी। साथ ही गेहूँ की फसल में नैनो उर्वरकों का ड्रोन से स्प्रे के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साजिद अंसारी ने जल विलय उर्वरकों एवं जैव उर्वरकों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता राजेश कुमार द्वारा पीएम प्रणाम योजना के बारे में बताया। कार्यक्रम में लगभग साठ सचिवों के अलावा अरविंद कुमार, इफको एमसी कपिल गंगवार भी उपस्थित रहे।

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