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बेंगलुरु में ट्यूशन से लौट रहे नाबालिग की हत्या, फैमिली ड्राइवर निकला साजिशकर्ता

 

कर्नाटक के बेंगलुरु में एक 13 साल के नाबालिग लड़के की किडनैपिंग के बाद हत्या कर दी गई। 30 जुलाई को बन्नेरघट्टा के पास से उसका अपहरण हुआ था। अगले दिन उसका आधा जला हुआ शव बन्नेरघट्टा के कग्गलीपुर रोड पर एक सुनसान इलाके में मिला। यह इलाका, नाबालिग के घर से 8 किलोमीटर दूर है। नाबालिग का नाम निश्चित ए. था। वह बेंगलुरु के अरकेरे के पास वैश्य बैंक कॉलोनी शांतिनिकेतन ब्लॉक का रहने वाला था और क्राइस्ट स्कूल में आठवीं कक्षा का छात्र था। उसके पिता अच्युत जेसी बेंगलुरु के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में लेक्चरर हैं और मां एक टेक कंपनी में काम करती हैं। ग्रामीण बेंगलुरु के SP सीके बाबा ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने लड़के के पेरेंट्स से 5 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। जब नाबालिग के पेरेंट्स ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, तो अपहरणकर्ताओं ने लड़के की पीट-पीटकर हत्या कर दी और उसका शव जला दिया। इस मामले में दो लोगों को शुक्रवार सुबह बन्नेरघट्टा इलाके के पास पुलिस एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक आरोपी नाबालिग के घर का ड्राइवर है। पुलिस के अनुसार, दोनों ने गिरफ्तारी की कोशिश के दौरान पुलिस अधिकारियों पर खंजर से हमला किया था।

पुलिस के अनुसार, निश्चित के पेरेंट्स ने बुधवार शाम हुलिमावु पुलिस से संपर्क किया और बताया कि उनका बेटा ट्यूशन गया था, लेकिन वापस नहीं आया। नाबालिग के पिता के बयान के मुताबिक, निश्चित रोज शाम 5 बजे से अराकेरे 80 फीट रोड स्थित ट्यूशन सेंटर में जाता था और शाम 7:30 बजे तक लौट आता था। 30 जुलाई को वह हर दिन की तरह ट्यूशन गया था। जब वह रात 8 बजे तक घर नहीं लौटा, तो उसके पेरेंट्स ने पहले ट्यूशन टीचर से बात की तो पता चला कि वह क्लास गया था और समय पर घर भी लौट गया था। इसके बाद निश्चित के पेरेंट्स ने ट्यूशन से घर वाले रास्ते पर उसकी तलाश शुरू की। इस दौरान, फैमिली पार्क के पास उसकी साइकिल मिली। पेरेंट्स ने रिश्तेदारों और उसके दोस्तों से भी पूछताछ की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। पुलिस ने निश्चित के ट्यूशन से घर लौटने वाले रास्ते पर लगे CCTV फुटेज की जांच की तो पता चला कि एक बाइक सवार ने घर लौटते समय उसे रोका था। थोड़ी बातचीत के बाद, निश्चित साइकिल छोड़कर बाइक पर उनके साथ चला गया। पुलिस ने 30 जुलाई की रात करीब 10:30 बजे मामला दर्ज किया और नाबालिग की तलाश शुरू की। उसी रात करीब 1 बजे निश्चित के माता-पिता को एक अज्ञात व्यक्ति से 5 लाख रुपए की फिरौती का फोन आया।

लड़के के पिता ने किडनैपर की मांग मान ली और अपने बेटे को सही-सलामत लौटाने की बात कही। फोन करने वाले ने उन्हें पैसे का इंतजाम करने को कहा और अगली सुबह लोकेशन बताने की बात कहकर फोन काट दिया। गुरुवार सुबह फिर फोन आया। कॉलर ने पूछा कि पैसे का इंतजाम हुआ या नहीं। लड़के के पेरेंट्स ने कहा कि उन्होंने रकम तैयार रखी है। इस के बाद अपहरणकर्ता ने उन्हें एक लोकेशन से दूसरे लोकेशन पर भेजना शुरू कर दिया। पुलिस के मुताबिक, शायद अपहरणकर्ता यह देखना चाहते थे कि कहीं पुलिस लड़के के पेरेंट्स का पीछा करके उन तक पहुंचने की कोशिश तो नहीं कर रही। इसके बाद अचानक, अपहरणकर्ता का फोन बंद आने लगा। इसके बाद पेरेंट्स ने पुलिस को तुरंत इसकी जानकारी दी।  बन्नेरघट्टा पुलिस ने आस-पास के पुलिस थानों को बच्चे की उम्र और तस्वीर भेजी। गुरुवार शाम लगभग 5:30 बजे बन्नेरघट्टा-गोट्टिगेरे रोड पर एक राहगीर ने बच्चे का शव देखा। सूचना मिलने पर, पुलिस निश्चित के माता-पिता के साथ मौके पर पहुंची, जिन्होंने अपने बेटे की पहचान की। उसका शरीर बुरी तरह जला हुआ था। उसके जूते और कपड़े भी जल गए थे। इधर, पुलिस को कग्गलीपुरा रोड के पास दो संदिग्धों के छिपे होने की जानकारी मिली। गुरुवार रात करीब 1 बजे, पुलिस ने संदिग्धों को पकड़ने की कोशिश की, तो उन्होंने अधिकारियों पर खंजर से हमला कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उनपर गोलियां चलाईं। संदिग्धों ने भागने की कोशिश की तो पुलिस ने दोनों के पैर में गोली मारकर उन्हें पकड़ा। आरोपियों की पहचान गुरुमूर्ति और गोपीकृष्ण के रूप में हुई है। गुरुमूर्ति मृतक नाबालिग के घर में कभी-कभी ड्राइवर का काम करता था। गुरुमूर्ति के दोनों पैरों में गोली लगी, जबकि गोपीकृष्ण के दाहिने पैर में गोली लगी है। दोनों को पास के एक अस्पताल ले जाया गया और उनका इलाज चल रहा है। पुलिस के अनुसार, गुरुमूर्ति ने ही ट्यूशन से लौटते समय निश्चित का अपहरण किया था।

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