जोधपुर जिले से आई दर्दनाक खबर ने हर किसी को झकझोर दिया। डांगियावास थाना क्षेत्र के सरनाड़ा की ढाणी काकेलावास गांव में शनिवार को एक मां-बेटी की मौत ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। जानकारी के अनुसार, 32 वर्षीय लेक्चरर संजू बिश्नोई और उनकी तीन साल की बेटी यशस्वी 22 अगस्त की रात करीब 1 बजे आग लगने की घटना में झुलस गईं।
बेटी यशस्वी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि संजू गंभीर हालत में महात्मा गांधी अस्पताल के बर्न यूनिट में भर्ती करवाई गई थीं। संजू की हालत नाजुक होने के कारण शुरुआती बयान नहीं लिए जा सके। लेकिन 23 अगस्त की सुबह डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद परिजन अस्पताल की मॉर्च्युरी में इकट्ठा हो गए और उन्होंने आपत्ति जताई।
मां ने बेटी के साथ कुर्सी पर बैठकर चुनी दर्दनाक मौत
- घटना की गंभीरता को देखते हुए संजू के पिता ओमाराम ने डांगियावास थाने में बेटी और उसकी बेटी को दहेज प्रताड़ना के कारण परेशान करने के आरोप में मामला दर्ज करवाया। थानाधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि घटना के दिन संजू अपने घर में अकेली थीं। उन्होंने घर के दरवाजे अंदर से बंद कर कुर्सी पर बैठकर पेट्रोल डालकर खुद और बेटी पर आग लगा दी। आग लगने के बाद दोनों फर्श पर गिर गईं।
- संजू के पति दिलीप उस समय घर के बाहर मौजूद थे। पड़ोसियों ने घर से धुआं उठता देख संजू के पिता को सूचना दी। जब परिवार मौके पर पहुंचे, तो बेटी की हालत देख सभी के होश उड़ गए।
संजू की शादी 10 साल पहले दिलीप बिश्नोई से हुई थी
- संजू की शादी 10 साल पहले दिलीप बिश्नोई से हुई थी। वह फिटकासनी गांव के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में साल 2021 से लेक्चरर के रूप में कार्यरत थीं। संजू के पिता ने बेटी के पति, सास-ससुर और ननद के खिलाफ दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया और आत्महत्या के लिए उकसाने की एफआईआर दर्ज करवाई।
- संजू और यशस्वी का शनिवार शाम को अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस ने मौके का निरीक्षण किया और एफएसएल टीम को बुलाकर जांच शुरू कर दी है। डांगियावास थाना अधिकारी राजेंद्र चौधरी ने बताया कि मामले की जांच ACP स्तर पर की जा रही है। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को दुखी किया है, बल्कि दहेज जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ चेतावनी भी दी है।