– अज्ञात नंबर पर डेटा या ओटीपी कभी न करें साझा
– प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर भाग लेते प्रशिक्षार्थी व सोसाइटी के पदाधिकारी।
फतेहपुर। डिजिटल युग में जहां इंटरनेट और मोबाइल ने जिंदगी को आसान बना दिया है, वहीं साइबर ठगी और अपराधों का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। छोटी-छोटी लापरवाहियों से कभी-कभी अपूरणीय नुकसान झेलने को मजबूर हो जाते हैं। ऐसे में जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। इसी उद्देश्य से निशान वेलफेयर सोसाइटी ने किशोरियों के बीच साइबर क्राइम और डिजिटल लिटरेसी पर दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया, जिसमें प्रतिभागियों को व्यावहारिक ज्ञान देकर सशक्त बनाया गया। यह प्रशिक्षण तेलियानी विकास खण्ड के आठ गांव व अर्बन के दो वार्ड की किशोरियों के लिए आयोजित किया गया, क्योंकि आज की युवा पीढ़ी डिजिटल दुनिया में सबसे अधिक सक्रिय है, लेकिन साथ ही सबसे अधिक जोखिम का शिकार भी बन रही है। ट्रेनिंग के दौरान, साइबर क्राइम के विभिन्न रूपों जैसे फिशिंग, आईडी हैकिंग, ओटीपी चोरी, फोटो मिसयूज और ऑनलाइन ठगी पर विस्तार से चर्चा की गई। ट्रेनर हरिओम ने सरल भाषा में समझाया कि कैसे संदिग्ध कॉल्स, मैसेज या लिंक्स से बचना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर कोई अज्ञात नंबर से आपका डेटा या ओटीपी मांगता है, तो तुरंत कॉल काट दें और हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें। यह सलाह न केवल किशोरियों के लिए, बल्कि पूरे समुदाय के लिए उपयोगी साबित होगी। प्रशिक्षण का मुख्य फोकस डिजिटल लिटरेसी पर था। जहां किशोरियों को सिखाया गया कि डिजिटल टूल्स के फायदों के साथ-साथ उनके जोखिमों को कैसे पहचानें और उनसे बचाव करें। उदाहरण के तौर पर, मजबूत पासवर्ड बनाना, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग और सोशल मीडिया पर प्राइवेसी सेटिंग्स को सही रखना जैसे टिप्स साझा किए गए। ट्रेनिंग के माध्यम से प्रतिभागियों को यह समझाया गया कि साइबर अपराधी अक्सर भावनात्मक कमजोरियों का फायदा उठाते हैं, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है। इससे न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि हमारी निजी जिंदगी पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों से भी बचाव होगा। इस आयोजन में संस्था प्रबंधक रुबीना, पीसी तूबा, कम्युनिटी मोबिलाइजर अल्तशा परवीन, सलाउद्दीन और राबिया की सक्रिय उपस्थिति रही।

News Wani