किस के बहाने हैवानियत, मासूम का जन्मदिन बना डरावना सच

 

 

जयपुर की सात साल की मासूम ने जब आपबीती बताई तो उसकी मां के होश उड़ गए। 1 अप्रैल को बच्ची का स्कूल में पहला दिन था। 2 अप्रैल को उसका जन्मदिन था। उसी दिन स्कूल बस कंडक्टर ने पहली बार उसके साथ घिनौनी हरकत की। मामला सामने आने के बाद मासूम के पिता ने करधनी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। मासूम अब भी सदमे में है। खेलते-खेलते उस घटना की याद आती है तो सहमकर मां से लिपट जाती है। डरी-डरी सी रहती है। रात को अचानक जाग जाती है। चौंककर बैठ जाती है और रोते हुए मां से पूछती है- ‘मम्मी, उस ‘बैड’ भैया को पनिशमेंट मिलेगी ना?’ पहले तो परिवार डरा हुआ था, लेकिन समझाइश के बाद वे बात करने के लिए राजी हो गए।

टीम जब परिवार से बात कर रही थी तो मासूम अपने भाई के साथ पास के कमरे में थी। जाली में से छिपकर देख रही थी। शायद उसे पता चल गया था कि कोई उससे ही बात करने आया है। परिवार की परमिशन लेकर हमने मासूम से बात करने की कोशिश की। शुरुआत में मासूम डरी हुई थी। चुपचाप बैठी थी। थोड़ी देर बात जब वह सहज हुई तो अपनी आपबीती बताई… वो बस वाले कंडक्टर भैया मुझे बार-बार किस करते थे। मुझसे कहते थे, चलो गेम खेलते हैं। तुम बस की पीछे की सीट पर जाकर छुप जाओ। जब मैं सीट के नीचे छिपी होती थी तो वो भी वहां आ जाते और मुझे किस करते।

रिपोर्टर ने पूछा- बेटा! आपने घर पर किसी को ये सब बताया क्यों नहीं? इस पर बच्ची बोली- वो भैया बस में बच्चों को बाल पकड़कर मारते थे। मुझे डर लगता था कि वो मुझे भी मारेंगे, इसलिए मैं किसी को कुछ नहीं बताती थी।  एक दिन स्कूल से आने के बाद बच्ची के बैग से मां को एक चॉकलेट मिली। मां ने पूछा – ‘ये कहां से आई?’ बच्ची ने मासूमियत से जवाब दिया – ‘बस वाले भैया ने दी है। वो मेरे साथ हाइड एंड सीक (लुका छिपी) खेलते हैं। जब मैं पीछे की सीट के नीचे छिपती हूं, तो वो मुझे वहां किस करते हैं।’ ये सुनते ही मां की रूह कांप गई। उन्होंने तुरंत बच्ची के पिता को बताया। बीच में दो दिन की छुट्टी पड़ने के कारण शनिवार को स्कूल खुलते ही सबसे पहले वो दोनों स्कूल पहुंचे।

बच्ची के माता-पिता ने टीचर्स और स्कूल मैनेजमेंट से बात की। पहले तो उन लोगों ने टालमटोल की। जब परिजनों ने विरोध किया तो आरोपी कंडक्टर को बुलाया गया। शुरुआत में तो कंडक्टर मना करता रहा, लेकिन जब बच्ची के घरवालों ने एफआईआर की बात कही तो उसने गलत हरकत करना कबूल कर लिया। मेरी बच्ची डरी-सहमी है। रात को सोते-सोते जाग जाती है, चौंककर बैठ जाती है, फिर रोती है। मेरा तो दिल ही बैठ जाता है। पता नहीं हम इस सदमे से कभी उबर पाएंगे भी या नहीं?’  बच्ची के पिता उदयपुर में प्रोफेसर के तौर पर काम कर चुके हैं। हाल ही में उनका ट्रांसफर जयपुर हुआ है। अभी बच्ची अपने माता–पिता के साथ अपने ननिहाल में ही रह रही है।

पिता ने बताया कि उनका नया घर लगभग बनके तैयार है। जल्द ही वहां शिफ्ट होने वाले हैं। वहां से ये स्कूल पास पड़ता है, इसलिए बच्ची का एडमिशन 1 अप्रैल को ही यहां कराया था। बोले- नामी स्कूल था तो सोचा कि बेटी को अच्छा माहौल मिलेगा, लेकिन उसके साथ जो कुछ हुआ, पूरे परिवार को तोड़ दिया है। स्कूल प्रशासन ने इस पूरे मामले में बिल्कुल भी संवेदनशीलता नहीं दिखाई। ये एक हमारी ही बच्ची की बात नहीं है। स्कूल में हजारों बच्चे हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूल की होती है।  परिजनों का कहना है कि जब इस घटना की शिकायत की तो स्कूल प्रशासन ने चेक के जरिए फीस लौटा दी और मामले को खत्म करने का दबाव बनाना शुरू किया।

पिता बोले- जब बच्ची का ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC) मांगा तो स्कूल प्रशासन ने साफ मना कर दिया। उन्होंने कहा- हम आपको पुरानी TC देंगे लेकिन नई टीसी नहीं देंगे। स्कूल प्रबंधन हर वो कोशिश कर रहा है, जिससे ये साबित हो सके कि बच्ची ने स्कूल में एडमिशन ही नहीं लिया था। पिता का आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने तो यहां तक कह दिया कि आप बताइए आपको बच्ची का एडमिशन किस स्कूल में कराना है, हम बात करके करवा देंगे। लेकिन आप इस मामले को यहीं खत्म कर दीजिए।  परिजनों का आरोप है कि स्कूल मैनेजमेंट मामले में आरोपी को बचाने की कोशिश कर रहा है। आरोपी ने अपनी घिनौनी हरकत कबूल कर ली, फिर भी स्कूल प्रशासन ने उसे पुलिस में नहीं दिया।

स्कूल मैनेजमेंट ने बच्ची के घरवालों से कहा- लड़का नाबालिग है, उसकी जिंदगी खराब हो जाएगी। हम उसे राजस्थान से बाहर भेज देंगे। अगर आप चाहें तो हम उसे नेपाल भेज देंगे। साथ में एक स्टाफ को भी भेजेंगे, जिससे गारंटी रहे कि वह वापस न लौटे। जानकारी के अनुसार, हाल ही में आरोपी ने स्कूल में काम करना शुरू किया था। स्कूल में पहले से काम कर रहे एक जानकार के जरिए उसे यहां बस कंडक्टर की नौकरी दिलाई गई थी। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। जांच में सामने आया है कि आरोपी भी नाबालिग है। स्कूल के ही एक स्टाफ का रिश्तेदार है। पुलिस स्कूल के स्टाफ से भी पूछताछ कर रही है।

करधनी थानाधिकारी सवाई सिंह ने बताया- मामले में जांच जारी है। जिस लड़के पर आरोप लगे हैं, वो अपने घर ही है। स्कूल में और बस में कैमरे लगे थे, उनकी जांच की जा रही है। इस मामले में स्कूल मैनेजमेंट से भी बात की। स्कूल मैनेजमेंट का कहना है कि वो लड़का स्कूल स्टाफ के तौर पर काम ही नहीं कर रहा था। वो स्कूल के एक कुक का रिलेटिव है। ऐसे ही घूमने के लिए ड्राइवर के साथ बस में चला जाता था। स्कूल प्रशासन ने बच्ची के परिवार वालों के आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि हमने बस में लगे कैमरे देखे हैं। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जैसा आरोप लगाया जा रहा है। वो लड़का तो खुद ही नाबालिग है। उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया है।

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