भोपाल की अमन कॉलोनी में स्थित ईरानी डेरा केवल एक रिहायशी बस्ती नहीं, बल्कि संगठित अपराध से जुड़े लोगों का ठिकाना बन चुका है. यहां रहने वाले परिवारों के तार देश के कई राज्यों में दर्ज आपराधिक मामलों से जुड़े पाए गए हैं. पुलिस का दावा है कि डेरे में रहने वाले करीब 70 से अधिक परिवारों में लगभग हर घर का कोई न कोई सदस्य आपराधिक मामलों में शामिल रहा है. चोरी, लूट, ठगी और फर्जीवाड़े जैसे मामलों में इनके नाम मध्य प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों की एफआईआर में भी दर्ज हैं.ईरानी डेरे से जुड़े गिरोहों की गतिविधियां महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक समेत करीब एक दर्जन राज्यों तक फैली हुई बताई जाती हैं. पुलिस के अनुसार, ये लोग अक्सर समूह बनाकर दूसरे राज्यों में जाते हैं और सुनियोजित तरीके से वारदातों को अंजाम देते हैं.
गिरोह की सबसे खास रणनीति है फर्जी पहचान. जांच में सामने आया है कि आरोपी कभी खुद को CBI या पुलिस अधिकारी तो कभी सेल टैक्स, कस्टम अफसर कुछ मामलों में पत्रकार बताकर लोगों को डराते हैं और जांच या छापेमारी के नाम पर पैसे ऐंठ लेते हैं. पुलिस की कार्रवाई में उनके ठिकानों से नकली पहचान पत्र और दस्तावेज भी बरामद होने की बात कही गई है.
पुलिस दबिश और विरोध
हाल ही में भोपाल पुलिस ने ईरानी डेरे में बड़ी कार्रवाई की. भारी पुलिस बल के साथ की गई इस दबिश के दौरान हालात तनावपूर्ण हो गए. शुरुआती विरोध के बावजूद पुलिस ने कार्रवाई जारी रखी और 32 लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं. पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई फरार आरोपियों की तलाश में की गई थी. ईरानी डेरे की दबिश में पुलिस ने 21 बिना नंबर की स्पोर्ट्स बाइक्स, नकली नोट और अवैध हथियार भी बरामद किए.
कबीलाई ढांचे में चलता है गिरोह
ईरानी डेरे की कार्यप्रणाली पारंपरिक अपराध गिरोहों से अलग बताई जाती है. यहां अपराध से मिली रकम पहले सरदार को दी जाती है. वही तय करता है कि किसे कितना हिस्सा मिलेगा. किसी सदस्य की गिरफ्तारी पर उसके परिवार की जिम्मेदारी भी कबीला संभालता है. सरदार का चयन कबीलाई पंचायत में होता है, जहां पुराने आपराधिक रिकॉर्ड को अहम माना जाता है.
ईरानी डेरे का सरदार राजू ईरानी
फिलहाल ईरानी डेरे की अगुवाई राजू ईरानी और उसका भाई जाकिर ईरानी कर रहे हैं. वैसे तो राजू ईरानी की उम्र करीब 47 वर्ष है. रहता तो वह भोपाल में है लेकिन देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर संगीन वारदातों को अंजाम देता है. मध्य प्रदेश में ही 20 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. राजू इतना शातिर है कि वो कभी CBI अधिकारी तो कभी पत्रकार बनकर लोगो के साथ ठगी करता है. महाराष्ट्र और राजस्थान पुलिस को भी उसकी तलाश है. हाल ही में उस पर मध्य प्रदेश के सागर जिले के एक व्यापारी से ठगी करने का मामला सामने आया, जिसके बाद पुलिस ने डेरे में दबिश दी थी, हालांकि वह फरार होने में कामयाब हो गया.
राजू का भाई जाकिर ईरानी
राजू का भाई जाकिर ईरानी भी खुद बड़े गिरोह का संचालन करता है. जाकिर पर प्रॉपर्टी पर कब्जा करना, विवादित मामलों को निपटाना, मारपीट, अडीबाजी और ठगी जैसे संगीन अपराध दर्ज है. जाकिर लग्जरी गाड़ियों और महंगे वाहनों का शौक रखता है.
अपराध के लिए सबकी अलग-अलग जिम्मेदारी
डेरे के कई युवक महीनों तक कबीले से दूर रहते है. वारदात के लिए लंबे समय तक बाहर रहते हैं, जिसे वे ‘सफर’ कहते हैं. इस दौरान कुछ सदस्य सीधे अपराध में शामिल होते हैं. कुछ केवल लूट का माल सुरक्षित वापस लाने की जिम्मेदारी निभाते हैं. कुछ युवक अपराध का पैसा लेकर कबीले तक पहुंचते हैं. तो कुछ चोरी या अपराध से हथियाया हुआ समाना बाजार में बेचते हैं. सबसे खास बात ये है कि कुछ कुछ दिनों में अपना हुलिया बदल लेते है.
रिश्तों से मजबूत हुआ जाल
गिरोह के कई सदस्य आपस में रिश्तेदार हैं. महाराष्ट्र और राजस्थान में बसे रिश्तों के कारण वहां इनका नेटवर्क और मजबूत हुआ. यही वजह है कि अलग-अलग राज्यों में इनके नाम लगातार सामने आते रहे हैं.
2014 की घटना से भोपाल में बढ़ी पहचान
ईरानी डेरा वर्ष 2014 में उस समय सुर्खियों में आया था, जब अमन कॉलोनी क्षेत्र में विवाद के दौरान हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुई थीं. इसके बाद से यह इलाका लगातार पुलिस निगरानी में रहा. अमन कॉलोनी में सिया सुन्नी विवाद के बाद कई घरों में आगजनी की घटनाएं हुई थी.
दिल्ली पुलिस की कार्रवाई
इसी साल दिल्ली पुलिस ने ईरानी डेरे से जुड़े दो आरोपियों मुर्तुजा अली ओर शिराज अली को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था. जांच में उनके खिलाफ कई राज्यों में गंभीर लुट, चेनस्नेचिंग ओर ठगी के संगीन अपराध सामने आए थे.
इनकी हुई गिरफ्तारी
सलमान खान उर्फ गाय, अली तन्नु, सकीना, नवबहार अली, अजीज सैयद , मिसम खान हैदर उर्फ मो. अली, रकीब कुबरा, नूरजहां, अफसरा, अली जिशान, खान रिजवान, हसन सब्बीर अली उर्फ जुबैर, यासिम फातिमा उर्फ सलमा, शादिक हुसैन उर्फ जफर अली, अली आबिद उर्फ अरबाज, मो. शादिक अली उर्फ इशान, हसीब अली उर्फ मरीना, साबिर खान, तोफिक हुसैन, जाफरी हजरत अली वनी, अली रजा उर्फ तालिब पुलिस गिरफ्त में है. पुलिस अन्यों की तलाश में जुटी है.
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