दिल्ली: दिल्ली में पिछले कुछ समय से हवा इतनी जहरीली नहीं है. मानसून के चलते हवा बेहतर हो गई है. लेकिन, वहीं दूसरी तरफ यमुना नदी की हालत बद से बदतर होती जा रही है. कभी रास्ते से गुजरते हुए आपकी यमुना नदी पर नजर पड़ती होगी तो सफेद रंग के झाग पूरी नदी में फैले आपको दिखते होंगे. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की एक नई स्टेट्स रिपोर्ट सामने आई है. जो यमुना नदी की एक गंभीर तस्वीर पेश करती है. जून की तुलना में नदी की क्वालिटी में काफी गिरावट आई है. नदी में बैक्टेरिया बढ़ता जा रहा है. सबसे खराब पैरामीटर फेकल कोलीफॉर्म का लेवल है, जो बैक्टेरिया की मौजूदगी का संकेत देता है और सीधे तौर पर अनुपचारित सीवेज से जुड़ा हुआ है. यह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से निर्धारित 2,500 एमपीएन/100 मिलीलीटर की सुरक्षित सीमा से लगभग 4,000 गुना ज्यादा नदी में पाया गया है. जोकि चिंता का संकेत है कि यह 4 हजार गुना निर्धारित लिमिट से ज्यादा है.
