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माघ मेले में सियासी-संत टकराव: मुलायम शिविर पर उठा नया विवाद, संतों की आपत्ति के बाद सपा को नोटिस

संगम की रेती पर आयोजित माघ मेले में मुलायम सिंह यादव स्मृति सेवा संस्थान के शिविर को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. अपर मेला अधिकारी दयानंद प्रसाद ने नोटिस भेज कर धार्मिक परंपराओं मान्यताओं के विपरीत संस्था पर काम करने का आरोप लगाया है. यह नोटिस 30 दिसंबर को दोपहर एक बजे शिविर के बाहर चस्पा कर दिया गया है. नोटिस में लिखा कि गैर धार्मिक क्रियाकलापों के चलते मेले में रहने वाले साधु संतों द्वारा आपत्ति जताई गई है. नोटिस में कहा गया है कि संस्थान के क्रियाकलापों का साधु संतों में भी असंतोष व्यक्त किया जा रहा है.नोटिस में धार्मिक परंपराओं-मान्यताओं के विपरीत किए जा रहे क्रियाकलाप के बारे में जवाब मांगा गया है. नोटिस प्राप्त करने के 24 घंटे के अंदर मेला कार्यालय में जवाब देने का आदेश दिया गया है. नोटिस में यह भी कहा गया है कि अगर निर्धारित समय के अंदर जवाब नहीं दिया गया तो यह माना जाएगा कि आपको इस संबंध में कुछ नहीं कहना है. अपर मेला अधिकारी ने नोटिस में कहा है कि संस्था को आवंटित भूखंड संख्या SLE6-31 का आवंटन निरस्त करने की अग्रिम कार्यवाही की जाएगी, जिसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे.

वहीं, मुलायम सिंह यादव स्मृति सेवा संस्थान के संचालक सपा के वरिष्ठ नेता संदीप यादव ने कहा है कि उन्होंने 24 घंटे के अंदर मेला प्रशासन को लिखित जवाब सौंप दिया है. सपा नेता ने आरोप लगाया है कि मेला प्रशासन उन्हें किसी साधु संत की कोई शिकायत नहीं दिखा पाया है. उन्होंने कहा है कि मेला प्रशासन की आशंका पूरी तरह से निराधार है.

सपा नेता संदीप यादव ने कहा है कि 2025 के महाकुंभ में इस शिविर की पहली बार संस्था लगी थी, जिसमें धार्मिक अनुष्ठान के साथ ही साथ भंडारा और दूध पिलाने का काम किया गया था. इसके अलावा यहां पर गोवंश का पालन भी किया गया था. उन्होंने कहा है कि मेला प्रशासन को पूरी तरह से जवाब में आश्वस्त किया गया है कि यहां पर पूरी तरह से धार्मिक परंपराओं का पालन किया जाएगा.

सपा ने BJP पर लगाया राजनीतिक साजिश का आरोप

सपा नेता ने आरोप लगाया है कि बीजेपी द्वारा समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की लोकप्रियता से घबराकर उनके शिविर को हटाना चाहती है. उन्होंने कहा है कि मुलायम सिंह यादव सबसे बड़े समाजवादी चिंतक और संत थे. इसलिए माघ मेले में शिविर को हटाने का कोई भी प्रयास सफल नहीं होने दिया जाएगा.

वहीं दूसरी तरफ इस मामले में संतों का कहना है कि मुलायम सिंह यादव के शिविर में अगर धार्मिक कार्य होता हैं तो उन्हें कोई दिक्कत नही हैं. संतों का ये भी कहना है कि सपा से उनका कोई विरोध नही हैं लेकिन वे उनके उन कार्यो का विरोध करते हैं, जिसमें मुसलमानों को बढ़ावा देना, मुसलमानों की गतिविधियों को बढ़ावा देना, राम जी का विरोध करना और राम आंदोलन पर गोली चलवाना.

‘अखिलेश हिन्दू और कृष्ण के वंशज लेकिन भटके हुए हैं’

संतों ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि वो खुद एक हिन्दू हैं और कृष्ण के वंशज हैं लेकिन वो भटके हुए हैं. इसलिए शिविर में धार्मिक कार्य होना चाहिए न कि राजनीतिकरण या इस्लामिक करण होना चाहिए. गौरतलब है कि महाकुंभ में पहली बार संस्था की ओर से शिविर लगाया गया था, जिसमें सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की भी प्रतिमा स्थापित की गई थी. इसके चलते महाकुंभ में शिविर ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं.

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