बांदा जनपद बांदा के तहसील बबेरू की ब्लॉक बबेरू अंतर्गत के दर्जनों गांव पल्हरी आहार बड़ागांव मिलाथू शिव मवई पारा बिहारी आलमपुर बघेहटा देवरथा जुगरेहली पंडरी अनौसा रगौली हरदौली सिमोनी आदि गांवों में सैकड़ों जानवरों की समस्या से जूझ रहे हैं किसान जबकी समय रहते समस्या से पीड़ित ग्रामीण व समाजसेवियों ने एक दो बार नहीं सैकड़ो बार खंड विकास अधिकारी बबेरू उपजिलाधिकारी बबेरू थाना दिवसों सहित जिले के समस्त अधिकारियों जिलापंचायत राज्य अधिकारी जिला विकास अधिकारी मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी मुख्य विकास अधिकारी अपर जिला अधिकारी जिला अधिकारी आयुक्त चित्रकूट धाम मंडल बांदा सहित जनपद के माननीय जनप्रतिनिधियों , सचिव ग्राम विकास, पशु पालन विभाग लखनऊ,ग्राम विकास मंत्री ऊर्जा मंत्री पंचायती राज मंत्री उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भारत सरकार के प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री पोर्टल 1076 में सैकड़ो बार शिकायत की गई लेकिन अधिकारी कर्मचारी सिर्फ कागजी घोड़ा दुदाने में मस्त रहे और उत्तर प्रदेश सरकार को गुमराह करने में सीडीओ बांदा ने कोई कसर नहीं छोड़ी पूर्व में किसानों की धान की फसल चौपट होने से किसान पूरी तरह से डरा हुआ सहमा हुआ है वर्तमान की गेहूं चना आज की फसलों से किस उम्मीद लगाए बैठा था कि अपने परिवार के भरण पोषण पढ़ाई लिखाई दवाई आदमी यह फसल सहयोगी बनेगी लेकिन स्थानीय कर्मचारियों व जिला प्रशासन की मिली भगत से गौ संरक्षण के लिए भेजा जा रहा सरकार के द्वारा करोड़ों रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है गमन हो रहा है और अधिकारी कर्मचारी कोई भी अन्ना जानवर ना होने का दावा ठोक रहे हैं जबकि धरातल में जमीन में आज भी सैकड़ो की झुंड में अन्ना गोवंश घूम घूम कर किसानों की फसले बर्बाद कर रहे है किसान अपने फसलो को बचाने के लिए दिन-रात खेत पर रहने को मजबूर है लेकिन जैसे ही समय पाते हैं अन्ना जानवर तो किसानों के रखवाली करते समय भी फसलों को सफा चैट कर देते हैं आज बांदा बुंदेलखंड बबेरू का किसान पूरी तरह से भुखमरी एवं आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहा है जिला प्रशासन एवं कर्मचारियों की हीला हवाली लापरवाही सफेद झूठ एवं भ्रष्टाचार बंदर बांट की वजह से हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का दौरा बांदा जनपद के बबेरू तहसील के कस्बा ओरण में हुआ था समाज से भी पीसी पटेल जन सेवक ने अपने साथ दर्जनों ग्रामीणों को लेकर माननीय मंत्री जी को लिखित पत्र देकर तत्काल अन्ना जानवरों को संरक्षित कर उनके भरण पोषण की गुहार लगाई लेकिन माननीय मंत्री जी का भी आदेश अधिकारी नहीं मान रहे अन्ना जानवर से परेशान होकर समाज से भी पीसी पटेल जनसेवक वह क्षेत्रीय पीड़ित किसानों ने यह तय किया कि यदि दो दिनों के अंदर जिम्मेदार कर्मचारी अधिकारी अन्ना जानवरों को संरक्षित नहीं करेंगे तो मजबूर होकर पटेल तिराहा ग्राम पलहरी में आमरण अनशन आंदोलन करने को हम बाद होंगे जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी स्थानीय कर्मचारियों सहित जिम्मेदार अधिकारियों की होगी।
