गाजीपुर: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. 14 लोगों ने फर्जी आय प्रमाण पत्र लगाकर आंगनबाड़ी की नौकरी पा ली. इन 14 लोगों में ज्यादातर सरकारी कर्मचारियों की बेटियां या पत्नियां या अन्य रिश्तेदार शामिल हैं.
मामले का खुलासा तब हुआ जब एक शिकायत पर जांच की गई. जांच में सीडीओ के स्टेनो की बेटी के भी फर्जी आय प्रमाण पत्र के आधार पर आंगनबाड़ी में नियुक्ति पाने का मामला सामने आया है. सीडीओ के स्टेनो की बेटी समेत 14 अभ्यर्थियों ने फर्जी आय प्रमाण पत्र लगाकर आंगनबाड़ी में नियुक्ति पाई है. मामले का सीडीओ संतोष वैश्य ने संज्ञान लेते हुए फर्जी आय प्रमाण पत्र बनाने वाले 14 लेखपालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीएम से सिफारिश की है.
इस बात की पुष्टि खुद सीडीओ संतोष वैश्य ने की है. मुख्य विकास अधिकारी संतोष वैश्य ने बताया कि आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया में फर्जी आय प्रमाण पत्र व फर्जी निवास प्रमाण पत्र लगा कर नौकरी पाने के मामले की शिकायत मिली थी. इस प्रकिया में खुद सीडीओ के स्टेनो की बेटी भी शामिल है. जब इस बात की जानकारी सीडीओ के स्टोनो की बेटी को हुई तो उसने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया.
उन्होंने बताया कि मामले में शिकायत मिली थी, जिसके आधार पर जांच हुई और खुलासा हुआ है. आंगनबाड़ी भर्ती में 14 ऐसे प्रमाणपत्र मिले हैं, जिनमें आवेदकों ने अपनी आय 42 हजार रुपये से कम दिखाई है, जबकि वे सभी लोग बीपीएल केटेगरी के नहीं थे. इनमें से कुछ आवेदक पहले से ही सरकारी नौकरी में हैं या उनके पति/पिता सरकारी नौकरी में हैं.
मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य ने जांच के लिए डीएम को पत्र लिखा है. उन्होंने बताया है कि जांच में दोषी पाए गए लेखपालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल इस मामले में कई लोग शामिल हैं, जिनके खिलाफ जांच की जा रही है. सीडीओ ने माना कि उनके स्टेनो की बेटी पूजा, जिनके पति जौनपुर में सरकारी शिक्षक हैं वो भी शामिल है,
गाजीपुर के कटैला ग्राम पंचायत की प्रधान पूनम, कासिमाबाद तहसील के रामगढ़ निवासी रिंकू, जो अर्द्धसैनिक बल में जवान हैं, मनिहारी ब्लाक के धुरैरा निवासी विजय प्रताप, जो रेलवे में ग्रुप डी में संवर्ग के कर्मचारी हैं. इनके साथ और भी लोग इसमें संलिप्त हैं. इन सभी लोगों ने अपनी आय 46 हजार रुपये से कम दिखाई है. इन सबके खिलाफ कार्रवाई होगी.