फतेहपुर। संघर्ष समिति के केंद्रीय नेतृत्व के आव्हान पर आज पूरे प्रदेश में भी 2 बजे से 5 बजे तक हाइडिल कॉलोनी स्थिति अधीक्षण अभियंता कार्यालय में कार्य बहिष्कार कर विरोध सभा हुई। आज की सभा मे आगामी 29 मई से होने वाले पूर्ण कार्य बहिष्कार को सफल बनाने हेतु रणनीति बनाई गई साथ ही विद्युत उपभोक्ताओं को इस कार्य बहिष्कार से कोई तकलीफ न हो इस पर विशेष चर्चा की गई। संयुक्त संघर्ष समिति की विरोध सभा मे शामिल तमाम वक्ताओं ने अपनी बातों से सभा को संबोधित किया। वक्ता गुलशन कुशवाहा ने कहा कि निजीकरण न सिर्फ कर्मचारियों बल्कि आम विद्युत उपभोक्ता एवं किसानों का भविष्य चौपट करेगा क्योंकि जो बिजली की दरें आज 5 से 6 रुपये प्रति यूनिट मिलती हैं निजी घरानों के आने के बाद यहीं बिजली की दरें 14 से 15 रुपये प्रति यूनिट मिलने लगेगी। आज सरकार किसानों के निजी नलकूपों का विद्युत माफ कर रखा है निजीकरण के बाद सिंचाई के लिए मिलने वाली सब्सिडी वाली बिजली खत्म कर दी जाएगी। इसलिए ये लड़ाई सिर्फ कर्मचारियों की नही बल्कि आम विद्युत उपभोक्ता, किसान और व्यापारी की भी है। संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण विरोधी आंदोलन में विद्युत कर्मी ऊर्जा प्रबंधन का असहयोग कर रहे हैं जबकि विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं को अटेंड किया जा रहा है। संघर्ष समिति सदस्य पंकज गावस्कर, रुद्र सिंह, निसार खान ने संयुक्त रूप से कहा कि ऐसा लगता है कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन की निजी घरानों के साथ मिलीभगत है और वे निजीकरण करने हेतु इतने आतुर हैं कि इस भीषण गर्मी में दमन और उत्पीड़न के जरिये हड़ताल को थोपना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रबंधन ने हजारों बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं को अनुशासनात्मक कार्यवाही की नोटिस दे दी है और सभी नोटिसों में एक ही भाषा का प्रयोग किया गया है। जो कर्मचारी पिछले 6 महीनों से एक भी बार शक्ति भवन नही गए हैं उन पर शक्ति भवन में सभा करके अशांति फैलाने का आरोप नोटिस में लगाया जा रहा है। यह सब हड़ताल थोपने की तैयारी है। आज की सभा की अध्यक्षता विनय शुक्ल ने और संचालन लवकुश कुमार ने किया। विरोध सभा मे रीना गंगवार, निशी, प्रीती, पुष्पा देवी, सोमवती, ओमप्रकाश मौर्य, दीपक शुक्ल, राहुल सौरभ, आशीष कुमार, राजेश कुशवाहा, जयदीप सिंह सहित तमाम कर्मचारी/अधिकारी रहे।