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भरी कार, बंद दरवाज़े और मौत की दौड़: कैसे एक लापरवाही बनी 12 जिंदगियों पर भारी?

 

हरदोई जिले में एक बार फिर ओवरलोड वाहन सड़क हादसे का शिकार हो गया। बेशक इस बार ऑटो या ई-रिक्शा नहीं है, लेकिन बरात में प्राइवेट कार किराये पर ले जाई गई थी। सात सवारियों के बैठने की क्षमता वाली कार में 12 लोग सवार थे। बरात जाते समय का एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें कार चालक के पास वाली सीट पर दो युवक बैठे नजर आ रहे हैं। पाली के मोहल्ला भगवंतपुर निवासी रामू कार चालक था। वह पाली के ही शाजेब की प्राइवेट कार किराये पर चलाता था।

नीरज के परिजनों के मुताबिक शादी में ले जाने के लिए उसने कार बुक कराई थी। सारे बराती लगभग साढ़े सात बजे निकल गए थे, लेकिन नीरज के चचेरे भाई, दोस्त और चचेरे बहनोई रात में लगभग साढ़े आठ बजे बरात जाने के लिए निकले थे।  यह लोग रामू की कार पर सवार हुए थे। जाते समय कार में आठ लोग ही थे। इनमें उदयवीर और आकाश जाते समय चालक के पास वाली सीट पर आगे बैठे हुए थे। विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि रात में ही पाली वापसी की चाहत में कुछ और लोग कार में सवार हो गए।

इसके बाद यही कार हादसे का शिकार हो गई।  अर्टिगा कार खंती में गिरने के बाद ऑटोमेटिक लॉक हो गई थी। इसमें फंसे लोग बाहर निकलने के लिए छटपटा रहे थे, लेकिन दरवाजे और शीशे नहीं खुल रहे थे। इसी बीच पीछे से बरात में शामिल रामजी और उसके पिता धर्मेंद्र दूसरी कार से पहुंच गए। इन लोगों ने भी कार में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास किया तब भी खिड़की नहीं खुली। विंडस्क्रीन टूटी थी और उसी से घायलों को बाहर निकाला गया।

घटना के दौरान चालक रामू की गर्दन में शीशा घुस गया था, जबकि उदयवीर का बायां हाथ ही शरीर से अलग हो गया था। बरात से वापस आते समय कार में सवारियों की संख्या ज्यादा हो गई। इस पर जितेंद्र का बहनोई जौहरी और जितेंद्र का पुत्र सिद्धार्थ बस पर सवार हो गए थे। इसकी जानकारी जितेंद्र को मिली, तो उसने जौहरी से कहा कि अरे जीजा तुम बस से नहीं कार से चलो। इस पर जौहरी ने सिद्धार्थ को भी उतार लिया और कार पर बैठा लिया। बाद में यही कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

दूल्हे का चचेरा बहनोई जौहरी पहले शादी में नहीं आना चाहता था। दरअसल, जौहरी के यहं बीते दिनों एक समारोह हुआ था। इसमें नीरज के परिवार से कोई शामिल नहीं हुआ था। इसको लेकर जौहरी के मन में नाराजगी थी। नीरज ने जब बरात का निमंत्रण दिया तो उसने आने से मना कर दिया। इसके बाद नीरज और जीतेंद्र के कहने पर वह बरात में गया, लेकिन फिर वापस नहीं आया। आंझी-आलमनगर मार्ग पर शुक्रवार आधी रात के बाद बरातियों से भरी कार सड़क किनारे खंती में पलट गई।

मझिला थाना क्षेत्र के भूपापुरवा मोड़ पर बेकाबू कार पलटने से दो सगे भाइयों और उनके बहनोई समेत छह लोगों की मौत हो गई। कार सवार छह बराती घायल भी हुए हैं। इन सभी को मेडिकल कॉलेज से लखनऊ ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया है। कार में 12 लोग सवार थे. कार पाली थाना क्षेत्र के भगवंतपुर निवासी रामू (25) चला रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक तेज रफ्तार कार भूपापुरवा मोड़ के पास अचानक अनियंत्रित हो गई और कई बार पलटी खाने के बाद खाई में पलटकर रुक गई। पीछे से दूसरी कार से आ रहे बरातियों ने कार में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश शुरू करने के साथ ही पुलिस को भी जानकारी दी।

सीओ शाहाबाद अनुज मिश्रा और कोतवाल ब्रजेश राय एक घटना की सूचना पर क्षेत्र में ही थे। फौरन दोनों अधिकारी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। सभी घायलों को कार से निकलवाकर एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। यहां चिकित्सक ने जितेंद्र, आकाश, सिद्धार्थ, जौहरी और रामू को मृत घोषित कर दिया। बाकी सात घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज हरदोई रेफर कर दिया गया। यहां से भी सभी को ट्रामा सेंटर लखनऊ भेज दिया गया। ट्रॉमा सेंटर में उदयवीर को भी मृत घोषित कर दिया गया।

घटना के चार प्रमुख कारण

  • कार की रफ्तार बहुत ज्यादा थी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कार 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ रही थी।
  • घटना रात में दो बजकर 20 मिनट पर हुई। चर्चा है कि चालक को झपकी आई और इसके बाद कार अनियंत्रित हो गई।
  • तीव्र मोड़ भी घटना की वजह बना है। आंझी आलमनगर मार्ग अच्छा बन चुका है। मोड़ पर कोई संकेतक नहीं लगे थे।
  • दुर्घटनाग्रस्त हुई कार अर्टिगा है। कार में सात लोगों के बैठने की व्यवस्था है। इसके बावजूद कार में 12 लोग सवार थे।

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