पाकिस्तान में बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट ने पाकिस्तानी सुरक्षाबलों को टारगेट करते हुए बड़ा हमला किया है। हमला बलूचिस्तान के मंड इलाके में घात लगाकर किया गया है। इस हमले में पाकिस्तानी सेना के 5 जवानों की मौत हो गई है जबकि कई फौजियों के घायल होने की भी खबर है। हमला माहिर और रुदिग नाम के इलाकों के बीच बीच हुआ है। बीएलएफ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट के लड़कों का हमला इतना सटीक था कि पाकिस्तानी सुरक्षाबलों को संभलने मौका तक नहीं मिला। अचानक हुए इस हमले में 5 जवानों की मौके पर ही मौत गई। घायलों को इलाज के अस्पताल ले जाया गया है। बलूचिस्तान में इस तरह के हमले लगातार हुए हैं जब पाकिस्तानी सुरक्षाबलों को निशाना बनाया गया है।
इस बीच पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में भी एक सरकारी गैस कंपनी की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों पर तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने हमला किया है। इस हमले में कम से कम 5 कर्मियों की मौत हो गई और करीब एक दर्जन अन्य घायल हुए हैं। पुलिस ने बताया कि प्रतिबंधित TTP के आतंकवादियों ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिले में कोट लालू के पास सुई नॉर्दर्न गैस पाइपलाइन कंपनी की सुरक्षा में तैनात सैनिकों पर गोलीबारी की है।
पुलिस के मुताबिक सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में कम से कम 8 आतंकवादी भी मारे गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादी समूह गैस पाइपलाइन परियोजना को निशाना बनाने की योजना बना रहा था। घायल सुरक्षाकर्मियों को इलाज के लिए डेरा इस्माइल खान स्थित संयुक्त सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बलूच लिबरेशन फ्रंट खुद को ऐसा संगठन बताता है जो पाकिस्तान से बलूचिस्तान प्रांत की आजादी के लिए लड़ रहा है। बलूच लिबरेशन फ्रंट ने हाल के दिनों में लगातार हमले किए हैं। बलूच लिबरेशन फ्रंट का कहना है कि जब तक बलूचिस्तान को आजादी नहीं मिलती, तब तक वो अपनी कार्रवाई जारी रखेंगे। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान की बात करें तो इसकी स्थापना 2007 में बेतुल्लाह महसूद ने की थी। उसके मारे जाने के बाद हकीमुल्लाह महसूद ने कमान संभाली और फिर 2018 में अमेरिकी ड्रोन हमले में हकीमुल्लाह के उत्तराधिकारी मौलाना फजलुल्लाह की मौत के बाद नूर वली महसूद को नया सरगना चुना गया। नूर वली ने कबायली इलाकों में नेटवर्क को मजबूत किया है और पाकिस्तान में बड़े हमले किए हैं।
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