संवाददाता: सैयद समीर हुसैन
ठाणे : मुंब्रा के कदर पैसल में बदरुद्दीन हाइट को लेकर उठे विवाद ने अब गंभीर मोड़ ले लिया है। शाहीन खान द्वारा दर्ज की गई शिकायत के दौरान मामला कुछ और ही हुआ। शाहीन खान ने बताया आए थे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ धारना देने पर भ्रष्ट अधिकारियों का भ्रष्टाचार वाला चेहरा ही सामने आगया। एंटी करप्शन की छापेमारी में लाखों रुपए के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया।ठाणे महानगर पालिका (TMC) के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों पर एंटी करप्शन की कार्रवाई हुई। छापेमारी में लाखों रुपये बरामद किए गए हैं।शाहीन खान ने अपने शिकायत पत्र में आरोप लगाया था कि बदरुद्दीन हाइट एक अवैध इमारत है, जो सीधे डीपी प्लान पर बनाई गई है। इस मुद्दे पर पहले भी स्थानीय नागरिकों ने आपत्ति जताई थी और समाचार माध्यमों में रिपोर्टें सामने आई थीं।हालांकि सवाल यह भी उठ रहा है कि शाहीन खान की यह कार्रवाई व्यक्तिगत विवाद का हिस्सा है या सच में अवैध निर्माण के खिलाफ जंग। जब उनसे पूछा गया कि अगर कार्रवाई हुई तो रहवासियों, जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई से घर खरीदे हैं, उनका नुकसान कौन भरेगा? इस पर शाहीन खान ने साफ कहा— “हमारी लड़ाई गरीबों से नहीं है, न ही किसी बिल्डर के पक्ष या विपक्ष में है। हम चाहते हैं कि सबसे पहले बिल्डर फारुक ढोले से जनता के पैसे वसूल कर रहवासियों को लौटाए जाए, उसके बाद ही अवैध इमारत को गिराया जाए।” शाहीन खान ने इस मुद्दे को लेकर TMC कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया। इसी दौरान एंटी करप्शन की टीम ने TMC में छापा मारा और भारी मात्रा में नकदी रुपए जब्त किए गए।इस आंदोलन को सोशल वर्कर नर्सिंग गयसामुद्रे का भी समर्थन मिला। उन्होंने कहा:”आज जो ‘घर बचाओ आंदोलन’ चलाया जा रहा है, वह असल में ‘बिल्डर बचाओ आंदोलन’ है। जनता को गुमराह किया जा रहा है।अब यह देखना दिलचस्प होगा कि शाहीन खान की यह लड़ाई सच में अवैध निर्माण के खिलाफ है या इसके पीछे कुछ और कारण छिपे हैं। फिलहाल, बदरुद्दीन हाइट के रहवासियों की राय ही इस पूरे विवाद की असली तस्वीर सामने लाएगी। ये सवाल बना हुआ है,क्या शाहीन खान की लड़ाई वाकई जनता के हक के लिए है? या फिर यह व्यक्तिगत विवाद का हिस्सा है? सबसे अहम, रहवासियों के घर और उनकी कमाई की सुरक्षा कौन करेगा?।