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टापू बन गए गांव, रास्तों में भरा पानी

– यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर से तिरहार की जिंदगी में उथल-पुथल
– बाढ़ के बीच नाव से सफर करते लोग।
फतेहपुर। यमुना नदी की उफान से तिरहार की जनता में उथल-पुथल देखने को मिल रही है। जिस तेजी से दरिया का बहाव तेज हो रहा है। उस रास्ते पानी में डूब चुके हैं। तमाम गांव टापू बन चुके हैं। वैसे प्रशासन ने इंतजाम किए हैं लेकिन तमाम ग्रामीण इस व्यवस्था को नाकाफी मान रहे हैं। यमुना नदी का वेग जिस तेजी से बढ़ रहा है उस हालत लगातार खराब होते चले जा रहे हैं। मौजूदा वक्त यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। जिसे लेकर यमुना पट्टी की जिंदगी में खलबली मच गई है। लोग अपने घरों का सामान और बीवी बच्चों को सुरक्षित ठीक आने पर पहुंच रहे हैं। मौजूदा वक्त बाढ़ प्रभावित गांव उरौली के 30,दसौली के 25,अढ़ावल के 500 और ललौली 100 घर बाढ़ की जद में आ चुके हैं। ललौली को छोड़ कर सभी गांव बाढ़ से घिर कर टापू बन चुके हैं। इन गांव की राह दिखाने वाले रास्ते पानी में डूब चुके हैं। ऐसे में आवागमन के लिए केवल नाव ही इकलौता सहारा बचा है।

इनसेट-
फिलहाल पलटू का पुरवा में प्रशासन का फोकस
फतेहपुर। यमुना तटवर्ती गांव में रहने वाले लोग फिलहाल प्रशासनिक इंतजाम को पर्याप्त नहीं मान रहे हैं। जिनका कहना है कि अभी तक प्रशासन का पूरा फोकस पलटू का पुरवा गांव में है, जबकि उनके गांव के भी हालत पलटू का पुरवा गांव से कम जुदा नहीं है।

इनसेट-
तिरपाल कैंप के इंतजाम, स्वास्थ्य शिविर भी
फतेहपुर। बाढ़ से प्रभावित ग्रामीणों को तिरपाल कैंप उपलब्ध कराई जा रही है। ताकि वह सुरक्षित रह सके। इसके अलावा बाढ़ के दौरान फैलने वाली बीमारियों के मद्देनजर स्वास्थ्य शिविर लग रहे हैं। यह दीगर बात है कि इन शिविर में इक्का दुक्का लोग ही पहुंच रहे हैं।

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