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फिर कोरोना पकड़ रहा रफ्तार: देशभर में एक्टिव केस बढ़कर 3395, बढ़ी चिंता

 

दिल्ली: देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि दर्ज की जा रही है। बीते 24 घंटों के दौरान संक्रमण के कुल 685 नए मामले सामने आए हैं, जबकि चार मरीजों की मौत हुई है। इसके साथ ही देश में सक्रिय मामलों की संख्या 3,395 तक पहुंच गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अब कोरोना संक्रमण की कुल संख्या 3 हजार के आंकड़े को पार कर चुकी है।

केरल बना हॉटस्पॉट, दिल्ली और महाराष्ट्र भी लपेटे में

आंकड़ों के मुताबिक, केरल इस समय सबसे अधिक प्रभावित राज्य है, जहां कुल 1,336 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में 467, दिल्ली में 375, गुजरात में 265, कर्नाटक में 234, पश्चिम बंगाल में 205, तमिलनाडु में 185 और उत्तर प्रदेश में 117 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं।

24 घंटे में चार राज्यों में मौतें

बीते 24 घंटे के भीतर चार लोगों की मौत हुई है — दिल्ली, केरल, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश से एक-एक मौत की पुष्टि हुई है। हालांकि, केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि अभी घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और अधिकांश मरीजों का इलाज घर पर ही हो रहा है, क्योंकि अधिकतर मामलों में लक्षण बेहद हल्के हैं।

पांच दिन में मरीजों की संख्या में बड़ा उछाल

महज कुछ दिनों में मरीजों की संख्या में बड़ा उछाल देखा गया है। 22 मई को जहां केवल 257 सक्रिय मामले थे, वहीं 26 मई तक यह आंकड़ा बढ़कर 1,010 हो गया। अब यह 3,395 तक पहुंच चुका है, जो दर्शाता है कि संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है।

ओडिशा में सात तक पहुंची कुल संख्या

ओडिशा में भी दो और लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जिससे राज्य में कुल सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। राज्य की स्वास्थ्य सचिव अश्वथी एस ने कहा है कि फिलहाल घबराने की कोई बात नहीं है। उन्होंने बताया कि सभी संक्रमितों की हालत स्थिर है और सरकार स्थिति पर पूरी तरह सतर्क है।

लक्षण हल्के, लेकिन सतर्क रहना जरूरी

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में जो भी कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं, वे गंभीर नहीं हैं। ज्यादातर मामलों में लक्षण सामान्य सर्दी-खांसी जैसे हैं और अस्पताल में भर्ती की जरूरत नहीं पड़ रही है। ICMR के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने बताया कि जीनोम सीक्वेंसिंग से पता चला है कि संक्रमण फैलाने वाले वेरिएंट, ओमीक्रॉन के उप-स्वरूप हैं। इनमें LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 शामिल हैं, जिनमें पहले तीन स्वरूप अधिक प्रचलित हैं।

स्थिति नियंत्रण में, लेकिन सावधानी जरूरी— डॉ. बहल

डॉ. बहल ने कहा, “हम स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। इस समय हालात नियंत्रण में हैं। चिंता की कोई विशेष बात नहीं है, लेकिन सतर्कता बनाए रखना बेहद जरूरी है।” उन्होंने सलाह दी कि लोगों को लक्षण दिखने पर तुरंत जांच करानी चाहिए और कोविड-उपयुक्त व्यवहार अपनाना चाहिए।

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