जापान इन दिनों विदेशी सैलानियों की भीड़ से भरा पड़ा है. लेकिन इस बढ़ती टूरिस्ट भीड़ ने एक अजीब समस्या खड़ी कर दी है. जगह-जगह छोड़े जा रहे सूटकेस. ओसाका से लेकर टोक्यो तक, एयरपोर्ट्स, होटल्स और भीड़भाड़ वाले टूरिस्ट स्पॉट्स पर बड़ी तादाद में पुराने बैग और ट्रॉलीज लावारिस हालत में मिल रहे हैं. वजह ये है कि ज्यादातर सैलानी शॉपिंग और तोहफों का सामान भरकर लौटना चाहते हैं, इसलिए नए, बड़े सूटकेस खरीद लेते हैं और पुराने को वहीं छोड़ जाते हैं.
ओसाका के मिनामी इलाके में इसी महीने एक छोड़ा हुआ सूटकेस देखकर 19 साल की कराओके बार में काम करने वाली लड़की घबरा गई. उसने जापानी मीडिया से कहा- ‘पता नहीं इसके अंदर क्या हो, डर लगता है.’ सूटकेस की मुसीबत सिर्फ़ सड़कों पर ही नहीं है. ओसाका के बेस्ट वेस्टर्न होटल फिनो शिनसाइबाशी के जनरल मैनेजर केंटारो कानेको ने बताया कि कई दिनों तो तीन-चार सूटकेस हर कमरे में छोड़ दिए जाते हैं. होटल उन्हें लॉस्ट एंड फाउंड में तीन महीने रखता है, लेकिन ज्यादातर कोई लेने नहीं आता. पिछले साल इन्हें हटाने पर होटल को करीब 20 लाख रुपये खर्च करने पड़े.
एयरपोर्ट्स पर भी बढ़ी मुसीबत
जून-जुलाई में ओसाका कन्वेंशन एंड टूरिज्म ब्यूरो के सर्वे में शामिल 34 होटलों में से 80% ने माना कि छोड़े गए सूटकेस अब बड़ी समस्या बन चुके हैं. एयरपोर्ट्स भी इससे परेशान हैं. टोक्यो के नरीता इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 2024 में 1,073 सूटकेस लावारिस मिले. ये 2019 की तुलना में दोगुने हैं. कंसाई एयरपोर्ट में भी हालात बदतर हैं. कई बार पुलिस को संदिग्ध बैग को बम समझकर पूरी जांच करनी पड़ती है. हाल ही में आची प्रीफेक्चर में एक शख्स पर मुकदमा चला क्योंकि उसने नया बैग लेने के बाद अपना पुराना सूटकेस हवाई अड्डे पर छोड़ दिया था.
र्यूकोकु यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डाइसुके आबे कहते हैं कि जापान में सूटकेस काफी सस्ते मिलते हैं, इसी वजह से पर्यटक उन्हें फेंकने में हिचकिचाते नहीं. उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर एक ऐसी व्यवस्था बनाएं जिसमें टूरिस्ट अपने बैग सही तरीके से डिस्पोज कर सकें और उन्हें इसके बारे में पहले से जानकारी दी जाए.