– डीआरएम के माध्यम से चेयरमैन को भेजा ज्ञापन
– निजीकरण के विरोध में डीआरएम को ज्ञापन सौंपते बैंक कर्मी।
फतेहपुर। उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक कर्मियों ने निजीकरण का विरोध करते हुए आईपीओ लाये जाने पर असहमति जताते हुए पेंशन, प्रमोशन समेत कमर्चारियों की अन्य समस्याओं को लेकर चौयरमैन को सम्बोधित ज्ञापन भेजकर निस्तारण की मांग किया। बुधवार को उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक कर्मियों ने आईपीओ के जरिये धन जुटाने को बैंकों का निजीकरण बताते हुए ट्रेड यूनियनों की बुलाई हड़ताल में शामिल होने की बात कही। जिलाध्यक्ष गोपाल त्रिवेदी के नेतृत्व में चेयरमैन को सम्बोधित ज्ञापन डिप्टी आरएम को देते हुए समस्याओं के निस्तारण की मांग किया। चेयरमैन को भेजे ज्ञापन में कर्मचारियों ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को पूंजी उपलब्ध कराने हेतु आईपीओ लाने के प्रस्ताव का विरोध जताते हुए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का निजीकरण करने की कोशिश बताया। कहा कि बैंक की स्थापना केवल व्यावसायिक लाभ कमाने के लिए नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास, ग्रामीण वित्त सुनिश्चित करने, सरकारी योजनाओं, बैंकों की अपनी योजनाओं का लाभ आमजनों तक देने के लिये की गई थी। निजीकरण से 40 करोड़ से अधिक ग्रामीण ग्राहकों को दी जाने वाली सेवाओं पर दूरगामी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। आरआरबी का निजीकरण न किया जाए। ग्रामीण विकास और ग्रामीण ऋण के हित में आरआरबी में आईपीओ का प्रस्ताव वापस लिया जाए। व्यावहारिक जनशक्ति नीति, पदोन्नति नीति में संशोधन, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं, शारीरिक रूप से विकलांग, विकलांग उम्मीदवारों, पूर्व सैनिकों आदि को लाभ, आरक्षण के विशेष प्रावधानों के साथ स्थानांतरण नीति को तत्काल लागू किया जाए। ई-एपीजीवीबी, ई-सीजीजीबी आदि द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया के अनुरूप सभी आकस्मिक, अंशकालिक, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण, नई पेंशन योजना को समाप्त किया जाए तथा सभी के लिए ओपीएस बहाल किया जाए जैसी मांगे शामिल रहीं। इस मौके पर रोहन, दीपक त्रिपाठी, अंकित तिवारी, उपेन्द्र कुमार, वैभव शुक्ला, उज्जवल दीक्षित, महेन्द्र विक्रम, नीरज सोनी, दीपेन्द्र उत्तम आदि रहे।
