बांदा। जमीन खरीदने के बाद भी कब्जा करने के लिए दर दर भटक रहा पीड़ित , फरियाद लेकर थाना समाधान दिवस पर बिसंण्डा थाना पहुंचे फरियादी के मामले का निस्तारण न हो सका जिससे पीड़ित चिंतित है। मामला थाना बिसंण्डा व चौकी ओरन का है। अतर्रा तहसील अन्तर्गत अजीबोगरीब मामला प्रकाश मे आया है जीजा ने अपने साले से सन 1995 मे ओरन ग्रामीण कमासिन रोड मे 14 विस्वा भूमि नकद रकम अदा कर क्रय किया था तथा क्रेता केदारनाथ कुशवाहा के नाम उक्त भूमि सरकारी कागजाद भी दर्ज हो गई थी तथा क्रेता उक्त भूमि पर शाँतिपूर्ण तरीकें से खेती बाडी भी करता चला आ रहा था । लेकिन जब क्रेता उक्त भूमि पर निर्माण कार्य कराना चाहा तो विक्रेता की नीयत खराब ह़ो गई क्रेता के साथ विक्रेता रघुराज पुत्र बनाफर व उसके तीनो पुत्र गाली गालौज व जान से मारने की धमकी मे आमादा हो रहे है। क्रेता अब अपनी भूमि पर कब्जा करने हेतु थाना चौकी तहसील व जिला मुख्यालय मे लगातार चक्कर लगा रहा है परंतु स्थानीय प्रशासन कागजो मे तो भूस्वामी क्रेता को मान रहा है ।परन्तु विक्रेता रघुराज पुत्र बनाफर व उसके तीनो पुत्रो के सामने जाने से कतरा रहा है। पीडित ने मीडिया बयान मे बताया कि चौकी प्रभारी भी मामले को सुलझाने मे पैसों की माँग कर रहा है। पीडित ने यह भी बताया कि स्थानीय तथाकथित नेता के. के. कुशवाहा भी मुझसे दस लाख की माँग कर चुका है कि मुझे पैसा दे दो तो पूरे मामले को सुलझा दूँगा। चूंकि मेन रोड की 14 विस्वा जमीन है अब वह भूमि लाखो से करोडो मे तब्दील हो गई है इसलिए विक्रेता की नीयत खराब है एवँ क्रेता को परेशान कर पैसा लेना चाहता है इसीलिए स्थानीय दलाल किस्म के लोग सक्रिय है।तथा अवगत कराना है कि विक्रेता अपनी सर्वाँश भूमि विक्रय कर चुका है । वही इस प्रकरण को लेकर उपजिलाधिकारी अतर्रा राहुल द्विवेदी कब्जा दिलाने हेतु नायब तहसीलदार राजीव यादव व थानाध्यक्ष विसँडा एवँ चौकी प्रभारी को निर्देशित किया जा चुका है परन्तु आदेशों का अनुपालन धरातल पर नही कराया जा रहा।