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जल संरक्षण, एक सामूहिक उत्तरदायित्व विषय पर हुई कार्यशाला

–  भूजल सप्ताह के तहत आयोजित कार्यक्रम में भाग लेतीं छात्राएं।
फतेहपुर। जल संकट व प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन की वर्तमान चुनौतियों के मद्देनज़र डॉ. बीआर अंबेडकर राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में जल संरक्षण विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला जल संचयन प्रकोष्ठ के तत्वावधान में आयोजित की गई। कार्यशाला का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि व दीप प्रज्जवलन से हुआ। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार यादव ने अपने उद्घाटन भाषण में छात्राओं, शिक्षकों एवं उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए जल संरक्षण के सामाजिक और पारिवारिक महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने विशेष रूप से छात्राओं से अपील की कि वे अपने परिवार और समाज में जल संरक्षण का संदेश पहुंचाएं और स्वयं भी दैनिक जीवन में जल बचत को व्यवहार में लाएं। डॉ. यादव ने कहा कि जल की हर बूंद मूल्यवान है और इसका संरक्षण आने वाली पीढ़ियों की रक्षा के लिए अनिवार्य है। कार्यशाला में अनेक विशिष्ट अतिथियों एवं विषय विशेषज्ञों ने सहभागिता की और अपने विचारों से छात्राओं को जागरूक किया। जल विज्ञानी भू-जल विभाग अविरल सिंह ने अपने व्याख्यान में जल संचयन की वैज्ञानिक पद्धतियों जैसे रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग, पुनर्भरण कुओं, परकोलेशन टैंक आदि की व्यावहारिक जानकारी दी। कार्यशाला में छात्राओं को जल संरक्षण की शपथ भी दिलायी। विशिष्ट अतिथि इंडियन रेडक्रास सोसाइटी के चेयरमैन डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने जल संकट की वैश्विक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए भारत में जल प्रबंधन की आवश्यकता पर बल दिया। जल संरक्षण एक सामूहिक जिम्मेदारी विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें महाविद्यालय की छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम में प्रो० प्रशांत द्विवेदी, शरद चंद्र राय, डॉ० चारु मिश्रा, डॉ० मधुलिका श्रीवास्तव, डॉ० ज्योति, डॉ० जिया तस्नीम, डॉ० बृजेश कुमार पाल, आनंद नाथ, शिक्षणेत्तर कर्मचारी तथा छात्राएँ भारी संख्या में उपस्थित रहे।

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