संभल में मंदिर-मस्जिद विवाद के बीच ईद-उल-फितर के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से यूपी के 10 लाख गरीब मुस्लिम परिवारों को सौगात-ए-मोदी बांटी जा रही है। शनिवार को राजधानी लखनऊ में भी शिया बहुल इलाकों में मुसलमानों को किट बांटी गई। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वोट बैंक के लिए भाजपा की ओर से किए जा रहे ध्रुवीकरण के चलते इसका फायदा भाजपा को नहीं होगा। इतना ही नहीं, मुस्लिमों और भाजपा के बीच चल रहे टकराव में भी कोई नरमी आने की संभावना नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का नारा दिया है।
यूं तो मोदी सरकार की हर महत्वाकांक्षी योजना के लाभार्थियों में बड़ी संख्या में मुस्लिम लाभार्थी भी हैं। लेकिन, पहली बार पीएम मोदी की ओर से ईद पर गरीब मुसलमानों के लिए सौगात-ए-मोदी की किट बांटी जा रही है। यह किट भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे के पदाधिकारी बांट रहे हैं। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने बताया- यूपी में करीब 10 लाख मुस्लिम परिवारों को किट बांटी जाएगी। सिर्फ गरीब मुस्लिमों को ही किट दी जाएगी। पॉलिटिकल एक्सपर्ट के मुताबिक, यूपी में मुस्लिमों की आबादी 5 करोड़ से ज्यादा है। उनको सपा का सबसे बड़ा वोट बैंक माना जाता है। मुस्लिम सपा के बाद बसपा और फिर कांग्रेस को वोट देते हैं।
भाजपा को मुस्लिमों का 5 फीसदी वोट भी नहीं मिलता। यूपी में 23 जिलों की करीब 140 विधानसभा सीट हैं, जो मुस्लिम बाहुल्य है। यहां 20% से अधिक मुस्लिम हैं। 10 जिलों की 31 विधानसभा सीटों पर 25% से ज्यादा मुस्लिम वोटर्स हैं। इनमें मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर, शामली, मुजफ्फरपुर, बलरामपुर, बरेली, मेरठ, बहराइच और संभल जिले की विधानसभाएं शामिल हैं। यूपी में भाजपा सरकार और संगठन में भी मुस्लिमों की सांकेतिक हिस्सेदारी है। भाजपा से एक भी मुस्लिम विधायक या सांसद नहीं है। विधान परिषद में भाजपा के 2 मुस्लिम एमएलसी हैं। प्रदेश भाजपा संगठन में भी मुस्लिम पदाधिकारी नहीं हैं। मुस्लिम केवल अल्पसंख्यक मोर्चा तक सीमित हैं।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं, भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले पसमांदा मुसलमानों को साधने का प्रयास किया था। पसमांदा मुस्लिमों की सत्ता और संगठन में भागीदारी भी थी। इस समाज से दानिश आजाद अंसारी योगी सरकार में मंत्री हैं। वहीं, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ. तारिक मंसूर को एमएलसी और भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बनाया गया। फिर भी लोकसभा चुनाव में यूपी सहित आस-पास के राज्यों में अधिकांश पसमांदा समाज ने भाजपा को वोट नहीं दिया। पसमांदा का कार्ड फेल होने के बाद भाजपा ने अब मुस्लिम गरीबों को साधने की कोशिश की है। उसी प्रयास के तहत इस बार सौगात-ए-मोदी की किट बांटी जा रही है।