म्यांमार: चीन की सीमा के पास भामो में भीषण गृहयुद्ध चल रहा है। काचिन इंडिपेंडेंस आर्मी दिसंबर महीने से ही चीन के समर्थन वाली म्यांमार की सेना से जंग लड़ रही है। यह वही इलाका है जहां पर दुनिया का आधुनिक खजाना यानि रेअर अर्थ छिपा हुआ है। यह इलाका चीन की सीमा से मात्र 100 किमी की दूरी पर है। म्यांमार में साल 2021 में सेना के तख्तापलट के बाद से ही देश के अंदर भीषण गृहयुद्ध शुरू हो गया। आज आलम यह है कि देश के कई इलाके में विद्रोहियों को कब्जा हो गया है और सेना को भारी नुकसान उठा पड़ा है। महीनों से जारी इस लड़ाई से दुनिया में रेअर अर्थ की सप्लाइ संकट में आ गई है। चीन इस समय दुनिया को रेअर अर्थ के नाम पर धमका रहा है और इसकी वजह से इलेक्ट्रिक गाड़ियों का निर्माण रुक जाने का खतरा पैदा हो गया है। चीन ने अब काचिन इंडिपेंडेंस आर्मी को रेअर अर्थ पर धमकी दी है।
दुनिया का लगभग आधा हैवी रेअर अर्थ म्यांमार के काचिन राज्य से निकाला जाता है। इसमें उत्तरी बामो भी शामिल है जो सेना का रणनीतिक गढ़ है। इस रेअर अर्थ को यहां से निकाले जाने के बाद उसे चीन भेज दिया जाता है ताकि उससे मैग्नेट बनाया जा सके। इस मैग्नेट की मदद से इलेक्ट्रिक गाड़ियां और विंड टर्बाइन बनाई जाती है। हैवी रेअर अर्थ की प्रोसिसिंग में चीन का लगभग एकाधिकार है। चीन ने अब म्यांमार के विद्रोही गुट को धमकी दी है कि अगर उसने भामो पर पूरी तरह से कब्जा करने की कोशिश की तो वह रेअर अर्थ की खरीद को बंद कर देगा।
अपने भूराजनीतिक लक्ष्यों को हासिल किया जा सके: चीन की इस धमकी यह साफ है कि वह खनिजों पर कब्जे को बढ़ा रहा है ताकि अपने भूराजनीतिक लक्ष्यों को हासिल किया जा सके। इस गृहयुद्ध की वजह से दुनिया में रेअर अर्थ का खनन और उसका निर्यात प्रभावित हो रहा है। चीन ने रेअर अर्थ को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है और अमेरिका से लेकर भारत तक इसकी सप्लाई को रोक दिया है। अब चीन इसका इस्तेमाल म्यांमार की सेना की मदद के लिए कर रहा है। चीन की सरकार का कहना है कि सीजफायर और शांति वार्ता म्यांमार की सेना और काचिन आर्मी तथा चीन सभी के हित में है। चीन ने काचिन आर्मी को यह भी ऑफर दिया है कि वह अगर भामो से हट जाती है तो उसके कब्जे वाले सीमाई इलाके से ज्यादा व्यापार किया जाएगा। भामो म्यांमार की सेना के लिए एक लॉजिस्टिक हब है जहां 1 लाख 66 हजार लोग रहते हैं। काचिन आर्मी के अधिकारियों का कहना है कि अगर वे इस डील को नहीं स्वीकार करते हैं तो वे काचिन राज्य से रेअर अर्थ समेत अन्य निर्यात को स्वीकार नहीं करेगा। म्यांमार के विशेषज्ञ डेविड मैथिएसोन का कहना है कि चीन म्यांमार के गृहयुद्ध को रोकना नहीं चाहता है, वह चाहता है कि लड़ाई इतनी कम हो जाए जिससे उसके आर्थिक हित आगे बढ़ते रहें।
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