सरकार ने आम लोगों के लावारिस पड़ी वित्तीय संपत्तियों (Unclaimed Assets) को वापस करने के लिए देशव्यापी अभियान शुरू किया है. शनिवार को गांधीनगर से ‘आपकी पूंजी, आपका अधिकार’ अभियान का शुभारंभ हुआ. इस दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने बताया कि बैंकों और अलग-अलग वित्तीय संस्थाओं के पास कुल 1.84 लाख करोड़ रुपए की ऐसी वित्तीय संपत्ति है, जिस पर किसी ने दावा नहीं किया है. बैंकों, म्यूचुअल फंड्स, बीमा रकम, लाभांश (Dividend) और पेंशन फंड के रूप में सरकार के पास यह रकम ‘सेफ कस्टडी’ में पड़ी है.
दावा करते ही वापस मिल जाएगा पैसा: वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ने अभियान का उद्घाटन करते हुए कहा, “दशकों से, जानकार लोग यह कहते रहे हैं कि बैंकों, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) या निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष (IEPF) के पास पड़ी बिना दावे रकम (Unclaimed Rupees) को उसके सही मालिकों या दावेदारों को सौंप देना चाहिए. यह उनका पैसा है. इस अभियान का उद्देश्य सरकार के पास पड़े इस धन को नागरिकों तक पहुंचाना है. यह पैसा सुरक्षित है. जब आप चाहें, उचित दस्तावेजों के साथ आएं और पैसा आपको मिल जाएगा. सरकार इसकी संरक्षक है… जैसे ही आप दावा करेंगे, आपको आपका पैसा मिल जाएगा.”
बैंक से लेकर म्यूचुअल फंड तक में इतनी लावारिस जमा
वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू ने बताया कि 31 अगस्त 2025 तक, 75000 करोड़ रुपए से अधिक की दावा रहित जमा राशि (Unclaimed Deposits) आरबीआई (RBI) के जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता कोष में स्थानांतरित कर दी गई हैं. इसके अलावा, दावा न की गई बीमा राशि (Unclaimed Insurance) 13,800 करोड़ रुपए से अधिक है, म्यूचुअल फंड में दावा न की गई शेष राशि (Unclaimed Mutual Funds) लगभग 3,000 करोड़ रुपए है, और 9,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का अनपेड लाभांश (Unclaimed Dividend) है. अब तक लगभग 172 करोड़ शेयर निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष में हस्तांतरित किए जा चुके हैं.
एक महीने में 450 करोड़ रुपए से अधिक के दावे निपटाए गए
अधिकारियों ने बताया कि पिछले एक महीने में 450 करोड़ रुपए से अधिक के दावों को नागरिकों को वापस किया जा चुका है. अगले तीन महीनों में, यह अभियान जागरूकता बढ़ाने, पहुंच प्रदान करने और दावों पर त्वरित कार्रवाई करने पर केंद्रित रहेगा. वित्त मंत्री ने इस अभियान के मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूप में “3ए” – जागरूकता, पहुंच और कार्रवाई- के महत्व पर बल दिया. जागरूकता का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक नागरिक और समुदाय को लावारिस संपत्तियों का पता लगाने के बारे में जानकारी हो. पहुंच सरलीकृत डिजिटल उपकरण और जिला-स्तरीय पहुंच प्रदान करने पर केंद्रित है. कार्रवाई समयबद्ध और पारदर्शी दावा निपटान पर बल देती है.
तीन महीने सभी राज्यों में चलेगा अभियान
यह अभियान अक्टूबर-दिसंबर 2025 के दौरान सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चलाया जाएगा. डिजिटल प्रदर्शन और सहायता डेस्क नागरिकों को उनकी अघोषित वित्तीय संपत्तियों का पता लगाने और दावा करने में आसानी प्रदान करेंगे. वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (DFS) द्वारा समन्वित इस अभियान में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI), पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA), और निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष प्राधिकरण (IEPFA) के साथ-साथ बैंक, बीमा कंपनियां, म्यूचुअल फंड और पेंशन संस्थान एक साझा मंच पर शामिल होंगे.