बांदा। सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से करोड़ों की योजना का बंदर बांट हुआ है नदी की बाढ़ के पानी से होने वाले कटाव को रोकने लिए ग्रामीणों ने पिचिंग की मांग की थी। केन की बाढ़ से हर वर्ष मिट्टी का कटान हो रहा था। नदी किनारे बसे कनवारा गांव बाढ़ के कारण कई बार डूब चुका है। बाढ़ से परेशान हो कर दर्जनों लोग गांव छोड़कर चले गए। ग्रामीणों ने मंत्री सांसद विधायक गांव में लगी चौपाल पंचायत में पिचिंग की मांग की । ग्रामीणों के प्रयास से 10.47 करोड़ की योजनाएं आई योजना में विभाग द्वारा कमीशन बाजी के चलते मानक के अनुरूप काम हुआ । घटिया मटेरियल घटिया तार पत्थर का प्रयोग किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि मिट्टी बाहर से लाकर नहीं डाली गई । यहीं से मिट्टी की खुदाई करके अधिकारियों और ठेकेदारों ने अब गांव को और खतरे में डाल दिया । उन्होंने बताया कि करोड़ों की पिचिंग बर्बाद है इससे अच्छा पिचिंग ही ना होती तो सुरक्षित होते । क्योंकि जितनी ऊंचाई थी ठेकेदारों ने उसको काट के मिट्टी को समतल कर दिया है। अगर अब बाढ़ आएगी तो सीधा गांव में घुस जाएगी । ग्रामीणों ने इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से की पर कुछ ना हुआ । तेज तर्रार ईमानदार जिलाधिकारी जे रीभा का आगमन हुआ है । ग्रामीणों ने उनसे मिलकर शिकायत किया शिकायत को संज्ञान लेकर जिलाधिकारी मौके पर पहुंची। संबंधित अधिकारी जिलाधिकारी को 90% कम होना बता रहे हैं। जिलाधिकारी ने काम को सही करने का ग्रामीणों को आश्वासन दिया है ।वहीं अधिकारियों को मार्च 2025 में पूरा करने के सख्त निर्देश दिया है ।