इजरायली बेंजामिन नेतन्याहू पूरे गाजा को अपने ‘नियंत्रण’ में लेने की कोशिश में हैं। नेतन्याहू सेना ने पूरे गाजा शहर को कॉम्बैट जोन घोषित कर दिया है। इस बीच 22 देश गाजा के समर्थन और इजरायल के खिलाफ खड़े दिखाई दे रहे हैं। ये सभी गैर-मुस्लिम देश हैं, जिन्होंने इजरायल को चेतावनी दी है कि अगर वह गाजा को मिलने वाली मदद किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न करेगा तो उस पर प्रतिबंध लगाया जाएगा
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, आइसलैंड, आयरलैंड, इटली, जापान, लातविया, लिथुआनिया, लग्जमबर्ग, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, स्लोवेनिया, स्पेन, स्वीडन और ब्रिटेन ने सोमवार को एक संयुक्त बयान जारी किया है। जिसमें इजरायल से अपील की गयी है कि गाजा को मिलने वाली मदद किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न न की जाए। इन देशों का कहना है कि गाजा पट्टी पर मदद रोकने से वहां हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। लोग भुखमरी और कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। लोगों तक मदद और दवाएं नहीं पहुंच पा रही हैं। जिससे उनके जीवन रक्षा करना मुश्किल साबित हो रहा है।
गाजा को मिलने वाली मदद में बाधा उत्पन्न न करने की अपील के साथ फ्रांस, ब्रिटेन और कनाडा ने इजरायल को धमकी भी दी है। इन देशों ने दो टूक कहा है कि अगर गाजा में मदद को रोका गया तो फिर वे इजरायल पर पाबंदिया लगाएंगे। साथ ही गाजा के खिलाफ सैन्य कार्रवाई रोकने की भी अपील की गयी है।
हालांकि, बेंजामिन नेतन्याहू ने इन देशों पर पलटवार करते हुए कहा है कि उनका प्रस्ताव अगर मान लिया गया तो उससे हमास मजबूत होगा। वह भविष्य में फिर से इजरायल पर हमले करेगा। इस बीच गाजा में इजरायली एयरस्ट्राइक में 60 लोग मारे गए हैं। इजरायल के वित्त मंत्री बेजलेल स्मॉट्रिच ने कहा कि उनकी सेना फिलिस्तीनी गाजा के बचे हुए हिस्से को “समाप्त” कर देगी।