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सेना छोड़ बना ठग: डायरी में 1000 बार लिखवाया सपना, करोड़पति बनने की सनक में 8 साथी गिरफ्तार

 

ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया, जो भोले भाले लोगों को जल्दी करोड़पति बनने का झांसा देते थे और ठगी कर लेते थे. हैरानी की बात तो ये है कि इस गैंग के सभी सदस्यों ने सेना की नौकरी छोड़कर ठगी का रास्ता चुना. क्योंकि आरोपी जल्दी अमीर बनना चाहते थे और लोगों को भी यही झांसा देकर उन्हें जाल में फंसाते थे. पुलिस ने इस गैंग के 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. गैंग के सदस्य अलग-अलग राज्यों के लोगों को अपना निशाना बनाते थे. इनका नेटवर्क कई इलाकों में फैला हुआ है.

आरोपी लोगों को क्यूनेट/विहान नाम की एक फेक मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनी के जरिए इन्वेस्ट कराने के नाम पर ठगते थे. लोगों से सोना, हीरा और घड़ी जैसे प्रोडक्ट खरीदने और बेचने के लिए कहा जाता था. ये लोग ज्यादातर सेना के जवानों को अपना निशाना बनाते थे. इस गैंग के सदस्य पहले सेना में भर्ती थे. तब उनके साथ ठगी हुई थी और फिर इन्होंने खुद भी इसी रास्ते पर चलना शुरू कर दिया. वह सेना के जवान, पुलिसकर्मियों तक को अपने जाल में फंसाकर फेक कंपनी में निवेश करने के लिए कहते थे.

ये कंपनी ई-कॉमर्स और नेटवर्क मार्केटिंग की तरह ही काम करती थी, जिसमें कंपनी के प्रोडक्ट को बेचने और एक टीम बनाने के लिए डीलर को कमीशन और इंसेंटिव दिया था. लेकिन जो लोग इनकी टीम में जुड़ते थे, उन्हें कोई कमीशन नहीं दिया था और न ही इनके पास कोई प्रोडक्ट भेजा जाता था. जबकि उनसे निवेश करा लिया जाता था. ये लोगों से कंपनी के साथ जुड़ने के लिए कम से कम डेढ़ लाख रुपये इनवेस्ट करने के लिए कहते थे. जब लोग पैसा इनवेस्ट कर देते थे तो उस पैसे को बिटकॉइन या डॉलर में बदलकर दुबई भेज दिया जाता था. इस ठगी करने वाली गैंग का सरगना दुबई में है. वह दुबई से इनसे काम कराता था.

ढाई साल में ये लोग करीब 90 लोगों को झांसे में ले चुके हैं और 2 करोड़ की ठगी कर चुके हैं. ठगी का पैसा भी दुबई ही जाता था. आरोपी गूगल मीट पर दुबई में बैठे सरगना के साथ मीटिंग करते थे और पैसा बांटते थे. इसके साथ ही लोगों को एक डायरी देते थे और कहते थे कि डायरी में हजारों बार लिखो ‘मुझे करोड़पति बनना है और एक दिन मेरी मनोकामना जरूर पूरी होगी. आरोपी नोएडा की अलग-अलगे सोसाइटी में फ्लैट लेकर रहते थे और वहीं से ये ठगी का धंधा चलाते थे. पुलिस ने जिन 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया. वह अलग-अलग राज्यों के रहने वाले हैं. इनमें पहचान पश्चिम बंगाल के विधान डागर, कौशिक डागर, गणेश बेरा, तापस धारा, झारखंड के रहने वाले सतीश शाव, गुजरात के कल्पेश राजू और पंजाब के गुरविंदर सिंह और गुरदीप सिंह के रूप में हुई है. इन आरोपियों के खिलाफ मेघालय, राजस्थान, मणिपुर, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में केस दर्ज हैं. इनके पास से पुलिस ने 10 लैपटॉप, 9 टैबलेट, 13 मोबाइल, एक करोड़ रुपये लिखा हुआ चेक, 30 एटीएम कार्ड, 4 घड़ी और 1 कार बरामद की है.

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