मेडिकल कॉलेज में भर्ती बेड से लापता प्रसूता का शव मिलने पर प्राचार्य सहित 9 पर मुकदमा दर्ज

 

न्यूज़ वाणी ब्यूरो चीफ मुन्ना बक्श

बांदा। शहर कोतवाली अंतर्गत नरैनी रोड स्थित रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज में करीब 2 माह पूर्व मेडिकल कालेज में भर्ती प्रसूता अचानक गायब हो गई थी। लगभग 29 घंटे बाद गायब प्रसूता का शव नग्नवस्था में मेडिकल कॉलेज कैंपस में ही एक नाली में बरामद हुआ था। जिसका एक हाथ कटा हुआ था और शरीर में कई गंभीर चोटें थी। मृतका के पति ने इस मामले में मेडिकल कॉलेज के स्टाफ व डॉक्टरों पर अपहरण, दुष्कर्म और हत्या का आरोप लगाते हुए मानव अंगों की तस्करी की बात भी कही थी। लेकिन पुलिस इस मामले में टालमटोल करती रही। गुरुवार को जनता दल यूनाइटेड ने प्रदर्शन करते हुए घटना की सीबीआई जांच की मांग की और एफआईआर भी सोशल मीडिया में वायरल कर दी। जिसमें आरोपी बनाए गए प्राचार्य समेत 9 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह जानकारी मिलते ही मेडिकल कालेज में हड़कंप मच गया है।

मालूम हो कि जिले के अतर्रा थाना अंतर्गत एक गांव निवासी व्यक्ति ने अपनी प्रसव पीड़ा से परेशान पत्नी को दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में 3 नवंबर 2023 को भर्ती कराया था। उसी दिन महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया था। 7 नवंबर को उसे डिस्चार्ज किया जाना था लेकिन रात में अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई जिसे डॉक्टर ने इमरजेंसी में भर्ती कर लिया। हालत में सुधार न होने पर रात को 11 बजे डॉक्टर ने एक इंजेक्शन लगाया था, इसके बाद वह बेहोशी हालत में सो गई। साथ ही पति व उसकी जेठानी भी मरीज के सो जाने पर सो गए थे। अगले दिन 8 नवंबर को महिला अपने बेड से लापता थी। परिजनों को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने पूरे मेडिकल कॉलेज कैंपस में उसकी तलाश की। पुलिस को भी सूचना दी गई पुलिस ने भी छानबीन की। लेकिन कहीं भी प्रसूता का पता नहीं चला। करीब 29 घंटे बाद मेडिकल कॉलेज कैंपस के शल्य वार्ड में एक नाली में गायब महिला का शव मिला जो नग्नवस्था में था और उसका एक हाथ कटा हुआ था। इस पर मृतका के पति ने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों व स्टाफ पर अपहरण दुष्कर्म और हत्या का आरोप लगाते हुए मानव अंगों की तस्करी की भी आशंका व्यक्त की थी।

इस मामले में जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी ने अस्पताल के 3 डॉक्टरों और इतने ही स्वास्थ्य कर्मियों को दोषी मानते हुए कार्रवाई की थी। इसमें स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी थी जबकि डॉक्टरों को चेतावनी दी गई थी कि भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो। इसके बाद इस मामले में पुलिस ने भी चुप्पी साध ली थी। इस बीच पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ गई। तब भी पुलिस ने इस मामले में कोई एक्शन नहीं लिया। करीब एक माह बाद 11 दिसंबर 2023 को पुलिस अधीक्षक ने एक बैठक बुलाई। अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ मंथन कर उसी दिन एफआईआर दर्ज कर ली लेकिन यह सार्वजनिक नहीं की गई और न ही इस मामले में पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया।

गुरुवार को जनता दल यूनाइटेड महिला इकाई की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी पटेल के नेतृत्व में मृतका के परिजनों ने डीआईजी कार्यालय में प्रदर्शन किया और एफआईआर को सार्वजनिक करते हुए पूरे मामले की सीबीआई से जांच करने और आरोपित व्यक्तियों की गिरफ्तारी की मांग कर डाली। यह जानकारी मिलते ही मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया। एफआईआर में मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. सुनील कौशल, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दीक्षा सिंह, डॉ. मीनाक्षी, डॉ. प्रीति सिंह, डॉ. रितिका गुप्ता व पैरामेडिकल स्टाफ की नेहा शर्मा, नीलम द्विवेदी, शिखा मिश्रा के अलावा सफाई कर्मी रानी के खिलाफ मानव अंगों की तस्करी अपहरण, दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज किया गया है। वहीं इस मामले में रानी में दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डा. सुनील कौशल ने बताया कि इस मामले में पहले ही घटना के दिन ड्यूटी में तैनात मेडिकल कॉलेज स्टाफ पर कार्रवाई की जा चुकी है। अब उन्हें इस मामले में मुकदमा दर्ज होने की भी जानकारी मिली है। पूरे मामले को पुलिस को जांच करना चाहिए, ताकि घटना की सच्चाई उजागर हो सके।

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