दिव्यांग पति को पीठ पर लादकर CMO ऑफिस पहुंची महिला!

रायबरेली की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। बीते समय मुंशीगंज एम्स में एक पहिए की टूटी व्हीलचेयर का वीडियो वायरल होने के बाद अब जनपद के सीएमओ ऑफिस में एक दिव्यांग पति को महिला अपने कंधों पर दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने पहुंची। वायरल वीडियो ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर फिर सवाल खड़े कर दिया कि आखिर गांव से पहुंचने वाली अनपढ़ भोली भाली जनता के दिव्यांग पति के लिए कोई कर्मचारी व्हीलचेयर लेकर क्यों नहीं पहुंचा। जबकि महिला 30 मिनट तक अपने दिव्यांग पति को पीठ पर लादकर इधर-उधर भटकती नजर आई।

बता दें कि मामला सोमवार का है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के बगल में बने कार्यालय पर दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने का साप्ताहिक दिन सोमवार निर्धारित किया गया है। गांव में कार्यालय के पते की पूछताछ के बाद बहादुर महिला ने स्वयं पति को ले जाकर दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने का निर्णय लिया और पूछते-पूछते सीएमओ ऑफिस पहुंची जिसके लिए घर से कार्यालय तक तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ा। यही नहीं कार्यालय में भी उसे इधर-उधर टहलाया गया, जिसके बाद पति को अपनी पीठ पर लादकर इधर-उधर भटकना पड़ा। इस बीच का मंजर देख कार्यालय में किसी भी कर्मचारी ने महिला तक व्हील चेयर पहुंचाना उचित नहीं समझा। क्योंकि व्हीलचेयर अंदर रखी होती है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र से पहुंचे गरीब अनपढ़ लोग इधर-उधर भटकते देखे जाते हैं। उस दिन भी बाहर व्हील चेयर की व्यवस्था नहीं थी। यदि होती तो उसे इस प्रकार से परेशान न होना पड़ता।

इस मामले पर जब थाना हरचंदपुर क्षेत्र देदौर की रहने वाली रिंकी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह सोमवार को पति का दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के लिये सीएमओ कार्यालय आई हुई थी। व्हील चेयर की कोई व्यवस्था न होने के कारण उसे मजबूरी में पति को पीठ पर लादकर करके इधर से उधर जाना पड़ा। वह चाहती हैं कि सीएमओ ऑफिस में उसके पति का दिव्यांग प्रमाण पत्र बन जाये और यहाँ जो भी अव्यवस्था है उसमें सुधार किया जाए ताकि यहाँ दिव्यांग को सुविधा मिल सके।

सीएमओ डॉ नरेश चन्द्रा मीडिया को दिए जवाब में यह कहकर पल्ला झाड़ लिया की कार्यालय में व्हीलचेयर की व्यवस्था है। साहब की माने तो सोमवार को एक महिला अपने पति का दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए सीएमओ ऑफिस आई थी। सीएमओ ऑफिस में दिव्यांग प्रमाण पत्र कार्यालय के बाहर व्हीलचेयर की सुविधा दी गई है। हो सकता है उस दिन उस महिला को वह व्हील चेयर दिखाई न दिया हो या उसने किसी से पूछा ना हो। बाकी सोमवार के दिन सभी दिव्यांग यहाँ आते हैं उन सभी को यह जानकारी है कि यहाँ व्हीलचेयर की सुविधा रखी गई है।

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