– सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें चलाकर महाठग ने की पांच लाख रूपए की डिमांड
– कंपनी के जिम्मेदारों ने महाठग को भेजी लीगल नोटिस
लखनऊ। सोशल मीडिया पर इन दिनों पत्रकारों की बाढ़ आ गई है। यह पत्रकार ऐसे हैं जो रजिस्टर्ड भी नहीं है और बड़ी-बड़ी कंपनियों के विरोध में खबरें प्रसारित करके कंपनियों को बदनाम करने व उनसे अवैध वसूली की जुगत में लगे रहते हैं। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है। जिसमें एक सोशल मीडिया न्यूज चैनल ने क्रिप्टो बेस एम. क्वाइन कंपनी के जिम्मेदारों पर विभिन्न मनगढ़ंत आरोप लगाकर खबर को प्रसारित करके कंपनी की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया। साथ ही वीडिया को हटाने के बाबत कंपनी के जिम्मेदारों ने अवैध वसूली की डिमांड भी कर डाली। मामला बढ़ने पर कंपनी के जिम्मेदारों ने पत्रकारिता का चोला ओढ़कर महाठगी करने वाले को लीगल नोटिस भेजते हुए जवाब मांगा है।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इन दिनों पत्रकारिता की आड़ लेकर महाठगों का गिरोह संचालित है। यह ठग बिना रजिस्ट्रेशन कराए न्यूज चैनल बनाकर विभिन्न कंपनियों व रसूखदार लोगों को लूटने का काम कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया। सोशल मीडिया में संचालित एक न्यूज चैनल ने क्रिप्टो बेस कंपनी एम. क्वाइन के जिम्मेदारों पर देश की करोड़ो जनता को लूटने व विदेशी फंडिंग किए जाने के बाबत खबर को प्रसारित किया। खबर के वायरल होने के बाद इस खबर की जानकारी जब कंपनी के जिम्मेदारों को लगी तो उन्होने खबर चलाने वालों से संपर्क किया और ऐसी भ्रामक खबर चलाने से रोकने की बात कही। जिस पर चैनल के जिम्मेदार ने सौदेबाजी करनी चाही। जब कंपनी के अधिकारियों ने रूपए देने से इंकार किया तो पत्रकारिता का चोला ओढ़े महाठग ने खबर को न्यूज चैनल यू-टयूब के साथ ही फेसबुक पर प्रचारित कर दिया। जिससे एम. क्वाइन कंपनी की छवि धूमिल हो रही है। वायरल न्यूज के बाबत जब कंपनी के एशिया हेड मो. ताहिर से बात की गई तो उन्होने बताया कि उनकी कंपनी पूरी तरह से रजिस्टर्ड है। कंपनी एमसी में रजिस्र्ड है। टैक्स पे कर रही है। साथ ही प्रत्येक माह जीएसटी जमा की जा रही है। बिना सबूत एवं जानकारी के अभाव में कंपनी के खिलाफ न्यूज चैनल द्वारा चलाई गई खबर पर कंपनी के जिम्मेदार बेहद नाराज है। इसलिए खबर चलाने वाले फेक न्यूज चैनल के खिलाफ लीगल एक्शन लिया जा रहा है। न्यूज चैनल को लीगल नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। कंपनी के इंडिया हेड एकलव्य ने बताया कि फेक न्यूज हटाने के नाम पर उसने पांच लाख रूपए की डिमांड की गई है। उन्होने यह भी बताया कि कंपनी ओआईटीएआर का बाइनेंस से रजिस्ट्रेशन लिया है। एफआईयू लिस्टेड है जो सभी नियमों को फालो करती है। उन्होेने कहा कि कंपनी को इस तरह से बदनाम करना सही नहीं है। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करवाई जाएगी।